पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार बंगाली फिल्म 'कंगल मलशत' पर गाज गिरी है। बंगाल के सेंसर बोर्ड ने निर्देशक सुमन मुखोपाध्याय की इस फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया है।
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कोलकाता:
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार बंगाली फिल्म 'कंगल मलशत' पर गाज गिरी है। बंगाल के सेंसर बोर्ड ने निर्देशक सुमन मुखोपाध्याय की इस फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया है।
सेंसर बोर्ड की दलील है कि फिल्म में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की छवि गलत ढंग से पेश की गई है। सेंसर बोर्ड ने मुखोपाध्याय को एक चिट्ठी भेजी है लेकिन उन्होंने फिल्म की स्क्रिप्ट में कोई बदलाव करने से इनकार किया है।
ये फिल्म बांग्ला की मशहूर लेखिका महाश्वेता देवी के बेटे नबरुण भट्टाचार्जी की किताब कंगल मलशत पर बनी है। दिलचस्प बात ये है कि इस फिल्म में ममता बनर्जी की पार्टी के सांसद कबीर सुमन ने भी काम किया है।
सेंसर बोर्ड की दलील है कि फिल्म में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की छवि गलत ढंग से पेश की गई है। सेंसर बोर्ड ने मुखोपाध्याय को एक चिट्ठी भेजी है लेकिन उन्होंने फिल्म की स्क्रिप्ट में कोई बदलाव करने से इनकार किया है।
ये फिल्म बांग्ला की मशहूर लेखिका महाश्वेता देवी के बेटे नबरुण भट्टाचार्जी की किताब कंगल मलशत पर बनी है। दिलचस्प बात ये है कि इस फिल्म में ममता बनर्जी की पार्टी के सांसद कबीर सुमन ने भी काम किया है।
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