नई दिल्ली: बिहार चुनाव से पहले ओबीसी राजनीति को तेज करने की कोशिश में जनता दाल से जुड़े घटकों ने जातिवार जनगणना घोषित करने की मांग और तेज कर दी है। लोक सभा में मुलायम ने इसका मोर्चा संभाला और बिहार मैं लालू यादव इसे आगे बढ़ाने जा रहे हैं।
सोमवार को लोक सभा में बीच बचाव का रास्ता समझा रहे मुलायम जेडीयू और आरजेडी के सांसदों के साथ मंगलवार को सरकार के खिलाफ फिर नारे लगाते हुए नजर आए। उन्होंने फिर से जातिवार जनगणना को सार्वजानिक करने की मांग की। मुलायम ने दावा किया कि पिछड़े वर्ग को मंडल आयोग में 27 फीसदी आरक्षण मिला जबकि उनकी जनसंख्या करीब 47 फीसदी है।
इससे पहले तीनो पार्टियों के सांसदों ने लोक सभा मैं प्लेकार्ड भी दिखाए और कहा कि जातिवार जनगणना के आकड़ों को अलग-अलग योजनाओं में लागू किया जाए। अब उनकी तैयारी सड़क पर आंदोलन करने की है। पटना में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया। तेजस्वी ने कहा की जातिवार जनगणना के आकड़ों को सार्वजानिक करने से यह पता चलेगा की देश के गरीब और दिहाड़ी मजदूरी कर गुजर बसर करने वाले करोड़ों लोग किस धार्मिक समुदाय से हैं।
हालांकि केंद्र सरकार भी खुद को जातिवार जनगणना के आंकड़े जारी करने को तैयार बता रही है। आंकड़ों की छंटाई के लिए एक हाई-लेवल कमेटी भी बना दी गई है, लेकिन मामला बिहार चुनाव से पहले ओबीसी के हक में दिखने का है। यही कारण है कि आजकल संसद में नारे लग रहे हैं।