निर्भया मामला: दोषी पवन के वकील को बार काउंसिल ने भेजा नोटिस, हाईकोर्ट में दिखाए थे फर्जी दस्तावेज

दिल्ली बार काउंसिल ने निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के दोषी पवन कुमार गुप्ता की पैरवी करने वाले वकील एपी सिंह के खिलाफ नोटिस जारी किया है. बार काउंसिल ने यह नोटिस कोर्ट में ''जाली'' दस्तावेज प्रस्तुत करने और सुनवाई के लिए उपस्थित न होने के संदर्भ में हाईकोर्ट के निर्देश पर जारी किया है.

निर्भया मामला:  दोषी पवन के वकील को बार काउंसिल ने भेजा नोटिस, हाईकोर्ट में दिखाए थे फर्जी दस्तावेज

निर्भया के दोषियों को फांसी देने के लिए अब 1 फरवरी का डेथ वारंट जारी किया गया है.

खास बातें

  • वकील ने पवन को फर्जी दस्तावेज दायर कर बताया था नाबालिग
  • कोर्ट ने वकील पर लगाया 25000 का जुर्माना
  • अब 1 फरवरी को दी जानी है दोषियों को फांसी
नई दिल्ली:

दिल्ली बार काउंसिल ने निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के दोषी पवन कुमार गुप्ता की पैरवी करने वाले वकील एपी सिंह के खिलाफ नोटिस जारी किया है. बार काउंसिल ने यह नोटिस कोर्ट में ''जाली'' दस्तावेज प्रस्तुत करने और सुनवाई के लिए उपस्थित न होने के संदर्भ में हाईकोर्ट के निर्देश पर जारी किया है. पिछले महीने दिल्ली हाई कोर्ट ने ''जाली" दस्तावेज़ों को दर्ज करने और सुनवाई पर पेश न होने के लिए वकील के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. बार काउंसिल ने वकील एपी सिंह से दो हफ्ते में जवाब मांगा है. दरअसल पवन के वकील ने जाली दस्तावेज लगाकर कोर्ट को बताया था कि 2012 में वारदात के समय पवन नाबालिग था. कोर्ट ने बीते साल 19 दिसंबर में पवन गुप्ता के इस दावे को गलत पाते हुए खारिज कर दिया था.  इतना ही नहीं कोर्ट ने वकील पर 25000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था. 

जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने पिछले साल 19 दिसंबर को एपी सिंह के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के लिए बार काउंसिल ऑफ दिल्ली को आदेश भेजा था. बार काउंसिल ने बताया कि अदालत ने 28 फरवरी के लिए अधिवक्ता एपी सिंह को नोटिस जारी करने का सर्वसम्मति से फैसला किया है. उन्हें नोटिस की प्राप्ति की तारीख से दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है. 

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हाईकोर्ट ने दिल्ली के बार काउंसिल से कहा कि वकील सिंह ने अपना दिमाग लगाए बिना या जानबूझकर प्रक्रिया में देरी करने के लिए जाली दस्तावेज दायर किए थे. 

पवन गुप्ता ने अब सुप्रीम कोर्ट में हाइकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें अपराध के समय उसके किशोर होने के दावे को खारिज कर दिया गया था. शीर्ष अदालत इस मामले पर 20 जनवरी को सुनवाई करेगी. 

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बता दें 19 दिसंबर 2019 को वकील एपी सिंह सुबह 10:30 बजे अदालत में उपस्थित हुए और उन्होंने दूसरे पक्ष को सूचित किए बिना कुछ अतिरिक्त दस्तावेजों को दाखिल करने के बहाने मामले में स्थगन की मांग की. इसके बाद जज ने अपने कर्मचारियों के माध्यम से फोन, एसएमएस और ई-मेल से वकील को अदालत में पेश होने के लिए संपर्क किया क्योंकि मामला फिर से उठाया जाना था.

जज ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि जब मामला 2:30 बजे के बाद फिर से उठाया गया तो वकील ने अदालत में आने के जहमत नहीं उठाई और न ही किसी भी संदेश का कोई जवाब दिया.  इसके बाद याचिका को खारिज करते हुए हाइकोर्ट ने यह माना था कि दोषी के अधिवक्ता को अदालत में उपस्थित होने में कोई दिलचस्पी नहीं है और इस तरह का व्यवहार निंदनीय है.''  न्यायाधीश ने अदालत के साथ इस तरह 'लुका-छिपी का खेल' खेलने के लिए वकील पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया. 

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बता दें 16 दिसंबर 2012 को निर्भया के साथ बलात्कार और हत्या को अंजाम देने के दोषी पवन, विनय शर्मा, मुकेश कुमार और अक्षय कुमार को फांसी देने के लिए शुक्रवार को नए सिरे से डेथ वारंट जारी किया गया. अब सभी को एक फरवरी की सुबह छह बजे फांसी देने का समय निर्धारित किया गया है. 

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