महाराष्ट्र सहकारी बैंक के कथित 25 हजार करोड़ रुपये के घोटाले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार का नाम सामने आने के बाद अब शरद पवार ने ऐलान किया है कि वे 27 सितंबर को बिना किसी बुलावे के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दफ्तर जाकर जांच एजेंसी का सहयोग करेंगे. मंगलवार की शाम को ईडी की ओर से महाराष्ट्र सहकारी बैंक के कथित घोटाले के मामले में बैंक से जुड़े 70 सदस्यों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया. आरोपियों में एनसीपी प्रमुख शरद पवार का नाम भी शामिल है. एनसीपी ने इसका विरोध किया. बुधवार को शरद पवार के गढ़ बारामती में बंद रखा गया. युवा एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने ईडी दफ्तर के बाहर हंगामा किया.
मामले में खुद का नाम सामने आने के बाद बुधवार को शरद पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके 27 सितंबर को बिना किसी बुलावे के ईडी दफ्तर जाकर जांच में सहयोग करने की बात कही. प्रवर्तन निदेशालय ने बैंक संचालकों पर मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया है. शरद पवार ने दावा किया कि वे किसी भी सहकारी बैंक के कभी संचालक नहीं रहे हैं और चुनाव के समय उन पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वे इससे नहीं डरेंगे.
आरोप है कि महाराष्ट्र सहकारी बैंक के निदेशकों ने कथित तौर पर चीनी मिलों को कम दरों पर कर्ज दिया और डिफॉल्टर की संपत्ति भी सस्ती बेच दी. साल 2007 से 2011 के बीच पूर्व राज्य वित्त मंत्री अजीत पवार इस बैंक के डायरेक्टर थे. आरोप है कि संचालकों की वजह से बैंक को 25 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. इस पूरे मामले में नाबार्ड ने बैंकों के अधिनियम के अनुसार मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपी है जिसमें पवार सहित 70 अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है.
एनसीपी प्रमुख शरद पवार और अजीत पवार सहित 70 पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज
घोटाले में शरद पवार का नाम सामने आने को राजनैतिक फैसला बताते हुए एनसीपी ने इसका विरोध किया. बुधवार को शरद पवार के गढ़ बारामती में बंद रखा गया, तो वहीं युवा एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने ईडी दफ्तर के बाहर हंगामा किया.
महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाला: अजीत पवार समेत सभी आरोपियों को बड़ा झटका, जारी रहेगी जांच
राज्य सरकार का कहना है कि ईडी के नोटिस का उनसे या चुनाव से कोई लेना देना नहीं है. महाराष्ट्र चुनाव से ठीक पहले विपक्ष के नेताओं को ईडी दफ्तर का बुलावा मिल रहा है. इससे पहले एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे को भी ईडी दफ्तर में IL&FS से जुड़े एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. इसके बाद हाल ही में ग्रामीण महाराष्ट्र का दौरा करके लौट शरद पवार का नाम भी सामने आया है. लेकिन एक बड़ा सवाल यह है कि ईडी के नोटिस चुनाव से पहले ही क्यों दिए जा रहे हैं, और वह भी अधिकांश विपक्षी नेताओं को?
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