मुंबई:
शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने कर्नाटक के अभावग्रस्त जिलों को पानी देने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को मंगलवार को स्तब्धकारी बताते हुए इशारे-इशारे में कर्नाटक को ‘‘सांप’’ बताया।
शिवसेना नेता ने महाराष्ट्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उसने जल बंटवारा मुद्दे पर अपने ‘‘स्तब्धकारी’’ फैसले से राज्य के साथ विश्वासघात किया है।
पार्टी मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे संपादकीय में ठाकरे ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि महाराष्ट्र सरकार ने सांप को दूध पिलाने का ठेका ले लिया है। कर्नाटक में मराठी-भाषी लोगों पर काफी अत्याचार किए जा रहे हैं, लेकिन हमारी सरकार ने उसे भूल कर राज्य के साथ पानी साझा करने का फैसला किया है।’’ ठाकरे ने लिखा, ‘‘कर्नाटक में मराठी-भाषी लोगों के साथ अन्यायपूर्ण रवैया अपनाने वाली सरकार को पानी की एक बूंद भी नहीं दी जानी चाहिए।’’ गौरतलब है कि कांग्रेस नीत महाराष्ट्र और भाजपा नीत कर्नाटक सरकार हाल ही में दोनों राज्यों में पानी के अभाव से त्रस्त जिलों के लिए पानी साझा करने पर राजी हुई हैं। इसके तहत महाराष्ट्र सरकार दुधगंगा और वारना नदियों का पानी कर्नाटक सरकार को देगी। इसके बदले कर्नाटक भी अलमाती जलाशय का पानी महाराष्ट्र को देगा।
शिवसेना नेता ने महाराष्ट्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उसने जल बंटवारा मुद्दे पर अपने ‘‘स्तब्धकारी’’ फैसले से राज्य के साथ विश्वासघात किया है।
पार्टी मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे संपादकीय में ठाकरे ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि महाराष्ट्र सरकार ने सांप को दूध पिलाने का ठेका ले लिया है। कर्नाटक में मराठी-भाषी लोगों पर काफी अत्याचार किए जा रहे हैं, लेकिन हमारी सरकार ने उसे भूल कर राज्य के साथ पानी साझा करने का फैसला किया है।’’ ठाकरे ने लिखा, ‘‘कर्नाटक में मराठी-भाषी लोगों के साथ अन्यायपूर्ण रवैया अपनाने वाली सरकार को पानी की एक बूंद भी नहीं दी जानी चाहिए।’’ गौरतलब है कि कांग्रेस नीत महाराष्ट्र और भाजपा नीत कर्नाटक सरकार हाल ही में दोनों राज्यों में पानी के अभाव से त्रस्त जिलों के लिए पानी साझा करने पर राजी हुई हैं। इसके तहत महाराष्ट्र सरकार दुधगंगा और वारना नदियों का पानी कर्नाटक सरकार को देगी। इसके बदले कर्नाटक भी अलमाती जलाशय का पानी महाराष्ट्र को देगा।
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