बदायूं बलात्कार पीड़िताओं के परिवार द्वारा घटनाक्रम के बारे में दी गई जानकारी सीबीआई को विश्वास नहीं दिला पा रही है, क्योंकि यह बात सामने आई है कि अपराध के समय स्पष्ट रूप से बड़ी बहन ने जो चप्पल पहन रखी थी, उसे जांच दल से छिपाकर रखा गया।
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि उन्होंने मिट्टी से सने चप्पलों को फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा है। उन्हें उम्मीद है कि यह उन्हें अपराध के बारे में कुछ सुराग दे सकता है।
उन्होंने कहा कि पीड़िता की वस्तुओं से बाल, नाखून, खून, मिट्टी जैसे साक्ष्य महत्व वाली कई सामग्री जुटाई जा सकती है, जो अपराध की गुत्थी सुलझाने में गुम सुरागों को एकसाथ जोड़ने में मदद कर सकती है।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि पीड़िता के परिवार के सदस्यों ने काफी पूछताछ के बाद सीबीआई को चप्पल सौंपी। परिवार के सदस्यों ने चप्पलों के बारे में अनभिज्ञता जताई थी।
सूत्रों ने कहा कि हालांकि वे परिवार के सदस्यों की मंशा पर संदेह नहीं कर रहे हैं, लेकिन वे जांच में पर्याप्त सहयोग नहीं कर रहे हैं।
इससे पहले भी पीड़िता का मोबाइल फोन सीबीआई अधिकारियों को प्रदान नहीं किया गया था। जब एजेंसी ने दबाव डाला तब परिवार ने टूटी अवस्था में फोन प्रदान किया था।
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