चेन्नई:
चेन्नई के सरकारी कस्तूरबा गांधी अस्पताल में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। यहां पैदा हुई एक नवजात बच्ची के शव को चूहों ने कुतर दिया। इसके बाद लापरवाही के आरोप में अस्पताल के दो डॉक्टरों सहित नौ कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है।
कहा जा रहा है कि समय से पूर्व पैदा हुई इस बच्ची की मौत रविवार रात को हुई, लेकिन सोमवार को जब उसका शव माता-पिता को सौंपा गया तो उसका चेहरा चूहे के काटे जाने से पूरी तरह बिगड़ा हुआ था।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक उच्चस्तरीय बैठक करके मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं।
शुरुआती जांच में कुछ सवाल सामने आए कि जब बच्ची की मौत रविवार को हो चुकी थी, तो शव को तुरंत उसके माता-पिता को क्यों नहीं सौंपा गया, जबकि उसका पोस्टमार्टम होना ही नहीं था। कपड़े में लिपटा नवजात का शव सारी रात अस्पताल में क्यों पड़ा रहा? और सबसे बड़ा सवाल कि आखिर बच्ची के शव को चूहे कैसे काट गए।
इस बीच, राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था सुधारने के लिए कुछ निर्णय भी लिए हैं। उन्होंने इरुला जनजाति (सांप और चूहे पकड़ने वाले) के लोगों को अस्पताल में नियुक्त करने के आदेश दिए हैं ताकि अस्पताल को इस तरह के जानवरों से मुक्त रखा जा सके। शवों को जल्द से जल्द उनके परिजनों को सौंपने के निर्देश भी दे दिए गए हैं।
यही नहीं, अस्पताल परिसर में खाने की चीजें लाने और बेचने पर भी पाबंदी लगाई गई है। अस्पताल में अनावश्यक भीड़ न हो इसके लिए मरीजों के परिजनों के लिए खास वक्त निर्धारित किया गया है।
कहा जा रहा है कि समय से पूर्व पैदा हुई इस बच्ची की मौत रविवार रात को हुई, लेकिन सोमवार को जब उसका शव माता-पिता को सौंपा गया तो उसका चेहरा चूहे के काटे जाने से पूरी तरह बिगड़ा हुआ था।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक उच्चस्तरीय बैठक करके मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं।
शुरुआती जांच में कुछ सवाल सामने आए कि जब बच्ची की मौत रविवार को हो चुकी थी, तो शव को तुरंत उसके माता-पिता को क्यों नहीं सौंपा गया, जबकि उसका पोस्टमार्टम होना ही नहीं था। कपड़े में लिपटा नवजात का शव सारी रात अस्पताल में क्यों पड़ा रहा? और सबसे बड़ा सवाल कि आखिर बच्ची के शव को चूहे कैसे काट गए।
इस बीच, राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था सुधारने के लिए कुछ निर्णय भी लिए हैं। उन्होंने इरुला जनजाति (सांप और चूहे पकड़ने वाले) के लोगों को अस्पताल में नियुक्त करने के आदेश दिए हैं ताकि अस्पताल को इस तरह के जानवरों से मुक्त रखा जा सके। शवों को जल्द से जल्द उनके परिजनों को सौंपने के निर्देश भी दे दिए गए हैं।
यही नहीं, अस्पताल परिसर में खाने की चीजें लाने और बेचने पर भी पाबंदी लगाई गई है। अस्पताल में अनावश्यक भीड़ न हो इसके लिए मरीजों के परिजनों के लिए खास वक्त निर्धारित किया गया है।
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