यह ख़बर 11 फ़रवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

बेबी फलक केस का मुख्य संदिग्ध राजकुमार गिरफ्तार

खास बातें

  • राजकुमार को पुलिस ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया है। उसे एटीएम से पैसे निकालते वक्त पकड़ा गया।
नई दिल्ली:

एम्स में जिंदगी की जंग लड़ रही दो साल की मासूम फलक के केस में दिल्ली पुलिस को अहम सफलता मिली है। इस मामले के मुख्य आरोपी राजकुमार को पुलिस ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया है। राजकुमार एटीएम से पैसे निकालते वक्त पकड़ा गया। दिल्ली पुलिस राजकुमार के एकाउंट पर लगातार नजर बनाए हुई थी। राजकुमार को आज साकेत कोर्ट में पेश किया जाएगा।

इसी मामले में पुलिस ने एक और महिला प्रतिमा को भी गिरफ्तार किया है। प्रतिमा पर राजकुमार का साथ देने का आरोप है। पुलिस का मानना है कि राजकुमार ही बेबी फलक को 14 साल की नाबालिग लड़की के हवाले कर खुद फरार हो गया था। पुलिस को उम्मीद है कि राजकुमार की गिरफ्तारी के बाद उसे इस मामले की तह तक पहुंचने में आसानी होगी।

उधर, बीते तीन सप्ताह से जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही फलक को फिर जीवन रक्षक उपकरणों पर रखा गया है। शुक्रवार की रात सांस लेने में तकलीफ होने पर फलक को दोबारा वेंटीलेटर पर रखा गया। एम्स ट्रॉमा सेंटर के न्यूरोसर्जरी के सहायक प्रोफेसर डॉ. दीपक अग्रवाल ने बताया कि फलक की हालत पहले से थोड़ी ठीक है लेकिन शुक्रवार रात उसे दोबारा जीवन रक्षक उपकरणों पर रखना पड़ा, क्योंकि उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।

डॉ. अग्रवाल ने फलक की हालत स्थिर बताते हुए कहा, "उसकी हालत स्थिर है। उसके सीने व खून में से संक्रमण दूर कर दिया गया है, लेकिन उसके मस्तिष्क में संक्रमण अब भी चिंता का विषय बना हुआ है।" चिकित्सकों ने मस्तिष्क का संक्रमण दूर होने के बाद फलक की एक और सर्जरी किए जाने का संकेत दिया है। डॉ. अग्रवाल ने कहा, "जब एक बार मस्तिष्क का संक्रमण दूर हो जाएगा, तब हम दिमाग की एक सर्जरी करेंगे, जिसमें पेट के जरिए दिमाग में एक प्लास्टिक नली डाली जाएगी। इस नली के जरिए मस्तिष्क में मौजूद द्रव्य बाहर निकाला जाएगा।"

चिकित्सकों ने कहा कि फलक के इलाज का एकमात्र यही तरीका है, लेकिन यदि नली से संक्रमण होता है तो उसके लिए सर्जरी की जाएगी। फलक को 18 जनवरी को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में दाखिल कराया गया था। उसे दाखिल कराने वाली एक किशोरी ने खुद को उसकी मां बताया था। फलक के सिर पर गहरी चोटें थीं और उसके शरीर पर इंसान के काटने के निशान थे। जब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, तब उसकी हालत बहुत गंभीर थी।

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(कुछ अंश एजेंसी से भी)