
योग गुरु रामदेव और अध्यात्म गुरु श्री श्री रविशंकर ने पद्म पुरस्कार लेने से मना कर दिया है। केंद्र सरकार 66वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर रामदेव और श्री श्री रविशंकर को यह पुरस्कार देने पर कथित रूप से विचार कर रही है।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को भेजे पत्र में रामदेव ने मीडिया की उन खबरों का हवाला दिया है, जिनमें कहा गया है कि सरकार उन्हें दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण देने पर विचार कर रही है और कहा कि वह महसूस करते हैं कि बतौर योगी उन्हें 'पुरस्कार या सम्मान' लेने से दूर रहना चाहिए।
रामदेव ने गृहमंत्री से इस पुरस्कार के लिए उनके बजाय किसी अन्य व्यक्ति को चुनने का अनुरोध किया।
रामदेव ने गृहमंत्री को भेजे गए पत्र में कहा है, 'मुझे निस्वार्थ भाव से काम करने दिया जाए, और पुरस्कार के लिए किसी अन्य योग्य व्यक्ति को चुना जाए।'
वहीं रविशंकर ने ट्विटर पर अपने फैसले की जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट किया, 'राजनाथ सिंहजी ने मुझे पद्म पुरस्कार के बारे में बताने के लिए फोन किया था। मैं अपने नाम पर विचार के लिए सरकार का आभार जताता हूं। मैं चाहूंगा कि मेरी बजाए वह किसी और को सम्मानित करे।'
रविशंकर के संगठन ऑर्ट ऑफ लिविंग ने भी एक बयान जारी किया, जिसमें रविशंकर ने कहा है, 'मैं अपने नाम पर विचार के लिए सरकार का आभार जताता हूं। कई अन्य योग्य व्यक्ति हैं। मैं चाहूंगा कि मेरी बजाए वह किसी और को सम्मानित करे।'
हर साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा की जाती है।
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