विमानन नीति का मसौदा : हवाई यात्रा होगी सस्ती, छोटे शहरों तक शुरू हो सकती हैं उड़ान

विमानन नीति का मसौदा : हवाई यात्रा होगी सस्ती, छोटे शहरों तक शुरू हो सकती हैं उड़ान

फोटो प्रतीकात्‍मक

नई दिल्‍ली:

देश में नागर विमानन नीति का नया मसौदा पेश किया गया, जिसमें किफायती लागत पर छोटे शहरों और कस्बों तक उड़ान सेवाएं शुरू करने और विदेश में घरेलू विमानन कंपनियों की सेवाएं शुरू करने के लिए नियमों में ढील बरतने जैसे मुद्दे शामिल हैं। इस मसौदे को अंतिम रूप देने से पहले विभिन्न हितधारकों से इस पर राय ली गई।

टिकट दर 2500 रुपए से अधिक न हो
इस नीति का मुख्य उद्देश्य हवाईअड्डा डेवलपर्स और संचालकों दोनों के लिए लाभ और अन्य लाभों के साथ प्रत्येक उड़ान घंटे में प्रति टिकट 2,500 रुपए तक के टिकट मूल्य दर को सुनिश्चित करना है, यानी टिकट दर 2500 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। नागरिक उड्डयन मंत्री पी. अशोक गजपति राजू ने नए मसौदे को पेश करते हुए कहा, 'इस मसौदे पर बहुत विचार-विमर्श किया गया है। हमने हितधारकों और जनता से भी सुझाव मांगे हैं।' उन्होंने कहा, 'इस नीति के लागू होने की एक निश्चित अवधि है ताकि उद्योग जगत समय पूर्व ही अपनी योजनाएं बना सके।' इस मौके पर उनके साथ नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री महेश शर्मा भी थे।

हर हवाईअड्डे को बनाया जाएगा उन्नत
नागरिक उड्डयन सचिव राजीव नयन चौबे ने कहा, 'राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति का लक्ष्य जन-जन के लिए किफायती उड़ान सेवाएं उपलब्ध कराना है। देश में लगभग 430 हवाईपट्टियां और हवाईअड्डे हैं लेकिन इसमें से लगभग 90 ही संचालन में हैं। लगभग 300 का तो बिल्कुल ही इस्तेमाल नहीं किया गया।' उन्होंने कहा कि हर हवाईअड्डे को 50 करोड़ रुपये की लागत से उन्नत बनाया जाएगा। हवाईअड्डों पर सुरक्षा को विमानों के अनुकूल बनाया जाएगा ताकि उड़ान के एक या दो घंटे पहले से ही हवाईअड्डा तैयार हो जाए।

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मसौदे में हवाईअड्डों का उन्नयन, बेहतर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, विदेश के लिए उड़ान नियमों में ढील, कार्गो कारोबार का विकास, हेलीकॉप्टर सेवाएं, रखरखाव क्षेत्र में निवेश बढ़ाना, हवाईअड्डे के प्रबंधन एवं सुरक्षा को तरजीह दी गई है। चौबे का कहना है, "हमारा उद्देश्य एक ऐसे तंत्र का विकास करना है जिससे 2022 तक प्रतिवर्ष 30 करोड़ और 2027 तक 50 करोड़ घरेलू टिकटों की बिक्री हो सके। इसी तरह 2017 तक 20 करोड़ की अंतर्राष्ट्रीय टिकटों की बिक्री हो।