कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध को लेकर हरियाणा विधानसभा से इस्तीफा देने वाले इनेलो नेता अभय चौटाला (Abhay Chautala) ने गुरुवार को किसान आंदोलन (Farmer Protest) से जुड़े मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी. चौटाला ने कहा कि किसान के साथ जिस तरह से ज़्यादती हो रही थी, किसान ठंड में बैठे थे, इस कारण उनकी पार्टी को कुछ निर्णय लेने पड़े.
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अभय चौटाला ने कहा कि हरियाणा (Haryana) में चौधरी देवीलाल होते तो केंद्र सरकार को इस बात के लिए मजबूर कर लेते. इनेलो चौधरी देवीलाल की नीतियों पर चलने वाली पार्टी है, लिहाजा हमने किसानों के मुद्दे पर बैठक बुलाई और फैसला किया कि उनकी नीतियों पर चलकर हमें एक कदम उठाना चाहिए. लोगों में इतना ज़्यादा गुस्सा है कि जेजेपी और बीजेपी का कोई लीडर सार्वजनिक कार्यक्रम में जाकर हिस्सा नहीं ले सकता. जिन्होंने जेजेपी (JJP) को वोट दिया उनमें गहरी नाराज़गी है. जबकि जेजेपी नेताओं ने कहा था बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे.
अभय चौटाला (Abhay Chautala) ने कहा, चुनाव लड़ने का फ़ैसला ऐलनाबाद विधानसभी क्षेत्र के लोग करेंगे. वहां के लोग किसके लिए फ़ैसला करेंगे, यह उन पर है. चौटाला ने कहा कि उनके इस्तीफ़ा देने के बाद हरियाणा के अंदर बहुत सारे विधायक को त्यागपत्र देने को मजबूर होना पड़ेगा. उनकी तीन पीढ़ियां भी ग्राम पंचायत की सदस्य तक नहीं बन सकेंगी. हरियाणा के 80% लोग खेती पर निर्भर करते हैं, इस मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
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