सुप्रीम कोर्ट ने असम में NRC लिस्ट को अपडेट करने का काम देख रहे IAS अधिकारी प्रतीक हजेला का तुरंत प्रभाव से ट्रांसफर करने का आदेश जारी किया है. सुनवाई के दौरान CJI रंजन गोगोई ने कहा कि हाजेला को लंबे समय के लिए डेप्यूटेशन पर भेजा जा रहा है. खास बात यह है कि CJI रंजन गोगोई ने हजेला को ट्रांसफर कर मध्य प्रदेश भेज दिया है. कोर्ट के इस आदेश पर सरकार के वकील अटॉर्नी जरलन केके वेणुगोपाल ने जब कोर्ट से पूछा कि क्या इस ट्रांसफर की कोई वजह है तो चीफ जस्टिस ने सख्त लहजे में जवाब देते हुए कहा कि हां, इसकी वजह है. बता दें कि हाजेला 1995 बैच के असम और मेघालय काडर आईएएस अधिकारी हैं.
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गौरतलब है कि NRC को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले भी कड़ा रुख अपनाता रहा है. कुछ महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने असम के एनआरसी संयोजक प्रतीक हजेला से डिटेल मांगी थी. हजेला ने कहा था कि हमें कुछ गड़बड़ियां मिली थीं. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि हमें मालूम है कि हमारे आदेशों पर हर पल सभी बहस और आलोचना करते रहे. जिसको जो करना है करे लेकिन हम 31 अगस्त तक एनआरसी का प्रकाशन चाहते हैं.
वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि सन 1971 से पहले जिनका जन्म हुआ उनका जन्म प्रमाणपत्र भी मान्य हो. जो विदेश चले गए थे लेकिन वे या उनके बच्चे अब लौटकर आ गए हैं तो उनको भी एनआरसी में शामिल होने से मना न किया जाए. इस पर प्रतीक हजेला ने कहा था कि सन 1971 तक जिन लोगों के परिजन देश के किसी भी हिस्से में बसे होने का सबूत पेश कर देंगे उन्हें हम एनआरसी में शामिल कर रहे हैं.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अंतिम एनआरसी को 31 अगस्त या उससे पहले प्रकाशित किया जाना चाहिए. कोर्ट ने एनआरसी समन्वयक को विवादास्पद मुद्दों पर एक नोट देने को कहा और कहा था कि सुप्रीम कोर्ट अगले सप्ताह आदेश पारित करेगा.सुप्रीम कोर्ट ने कोआर्डिनेटर हजेला से कहा था कि वे अपनी रिपोर्ट शुक्रवार तक सुप्रीम कोर्ट में दें. मंगलवार को कोर्ट इस पर आदेश जारी करेगा.
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