विज्ञापन
This Article is From Aug 31, 2018

जिस मजदूर की बेटी को कभी वर्ल्ड चैंपियनशिप में नहीं भेजा था, उसी ने एशियाड में जीता पदक

एशियाड में कांस्य पदक जीतने वाली धावक चित्रा उन्नीकृष्णन के माता-पिता ने खेतों में मजदूरी कर उन्हें स्कूल भेजा.

जिस मजदूर की बेटी को कभी वर्ल्ड  चैंपियनशिप में नहीं भेजा था, उसी ने एशियाड में जीता पदक
भारतीय महिला धावक चित्रा की फाइल फोटो.
एशियाड में देश के लिए पदक जीतने वाले कई खिलाड़ी संघर्षों की भट्ठी में तपकर निकले हैं. बेहद गरीब परिवार से निकलकर उन्होंने विदेशी सरजमीं पर भारत का मान बढ़ाया. गोल्ड जीतने वाली स्वप्ना बर्मन के पिता जहां रिक्शा चालक रहे, वहीं अब 18वें एशियाई खेलों के 12वें दिन गुरुवार को 1500 मीटर स्पर्धा का कांस्य पदक जीतने वाली चित्रा उन्नीकृष्णन के परिवार के बारे में भी ऐसी ही खबर आई है. चित्रा के माता-पिता ने खेतों में मजदूरी कर बेटी को किसी तरह स्कूल भेजा. आज नतीजा सामने है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चित्रा उन्नीकृष्णन की इस उपलब्धि पर बधाई दी. 


 चित्रा ने चार मिनट 12.56 सेकेंड के समय में दौड़ पूरी कर तीसरे स्थान पर रहीं. जबकि बहरीन के कालक्दिान बेफकाडु ने चार मिनट 07.88 सेकेंड के साथ पहला स्थान हासिल किया  वहीं तिगिस्त बेले ने चार मिनट 09.12 सेकेंड का समय निकाल दूसरे स्थान पर रहे. 1500 मीटर की 

दौड़ में कास्य पदक जीतने वाली चित्रा उन्नीकृष्णन के माता पिता मजदूर रहे और खेतों में काम कर जो कुछ मिलता था उसी से उनका गुजारा चलता था.  इस गरीबी में भी अपनी चार में से तीसरी संतान  चित्रा को स्कूल भेजा. पालाकाड स्थित स्कूल में आयोजित खेलों में चित्रा ने शानदार प्रदर्शन किया. 2011 के नेशनल स्कूल गेम्स में चित्रा ने 1500 मी. , 3000 मी और 5000 मी. में सोना जीता. यह सिलसिला 2013 के स्कूल गेम्स तक जारी रहा

.जब फेडरेशन ने कर दिया था टीम से बाहरः चित्रा के लगातार शानदार  प्रदर्शन पर केरल के तत्कालीन राज्यपाल ने चित्रा को नैनो कार भेंट किया था. 2016 के साउथ एशियन गेम्स और एशियन ऐथलेटिक चैंपियनशिप में भी चित्रा ने सोना जीता.2017 में लंदन के वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में  फेडरेशन ने चित्रा को टीम से बाहर कर दिया. एशियन एथलेटिक्स में गोल्ड जीतने के बावजूद यह सलूक देख चित्रा केरल हाई कोर्ट पहुंच गईं थीं.कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि टीम चयन में पारदर्शिता की कमी रही. जिस पर कोर्ट ने फेडरेशन और केंद्र सरकार को आदेश दिया कि चित्रा को लंदन भेजा जाए. मगर समय कम होने का बहाना बना कर फेडरेशन ने वर्ल्ड एथलेटिक्स मीट मे नहीं भेजा. हांलांकि फेडरेशन के खिलाफ इस लडाई में चित्रा को लोगों का खूब समर्थन मिला और आने वाले दिनों में चित्रा से खेल जगत को काफी उम्मीदें हैं. 


उधर  18वें एशियाई खेलों के 12वां दिन गुरुवार एक बार फिर पदकों की बाहर ले कर आया, लेकिन मौजूदा विजेता पुरुष हॉकी टीम के सेमीफाइनल में हार से देश को बड़ी निराशा भी हाथ लगी. भारत ने गुरुवार को एथलेटिक्स में दो स्वर्ण सहित पांच पदक अपने नाम किए जिनमें दो कांस्य और एक रजत पदक भी शामिल हैं. 12 दिन खत्म होने के बाद भारत पदक तालिका में कुल 59 पदकों के साथ आठवें स्थान पर है. भारत के हिस्से कुल 13 स्वर्ण, 21 रजत और 25 कांस्य हैं.भारत को दिन का पहला स्वर्ण जिनसन जॉनसन ने दिलाया. जिनसन ने पुरुषों की 1500 मीटर स्पर्धा में तीन मिनट 44.72 सेकेंड का समय निकाल कर सोने का तमगा हासिल किया। 800 मीटर में भारत के लिए स्वर्ण जीतने वाले मनजीत सिंह तीन मिनट 46.57 सेकेंड के साथ चौथे स्थान पर रहे.
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com