Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
आदर्श घोटाले की जांच के लिए बने कमिशन के सामने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण सोमवार को दूसरी बार पेश हुए। आज अपनी पेशी में एक बार चव्हाण ने देशमुख पर इस घोटाले का आरोप मढ़ दिया।
अपनी पहली पेशी के दौरान चव्हाण ने खुद को पूरे मामले से अलग कर लिया था।
चव्हाण ने कहा था कि राजस्व मंत्री का काम सिर्फ फाइल को आगे बढ़ाना होता है। चव्हाण ने यह भी कहा था की मुंबई और पुणे के किसी भी जमीन के आवंटन का आखरी फैसला मुख्यमंत्री लेते हैं।
चव्हाण ने कमिशन के सामने आदर्श से जुड़ी सभी फाइलों की जिम्मेदारी तत्कालीन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख और बाबुओं पर डाल दी। चव्हाण ने दावा किया कि आदर्श सोसाइटी मे 40 फीसदी सिविलियन को लेने का फैसला भी उनका नहीं था।
इसके पहले पेश हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे और विलासराव देशमुख ने भी सारी जिम्मेदारी राजस्व और वित्त मंत्रालय पर डाल दी थी। शिंदे और देशमुख ने दावा किया था कि आदर्श से जुड़ी सभी फाइलें उनके कार्यकाल से पहले ही पास हो गई थीं और उन्हें बाबुओं ने सोसाइटी और जमीन के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी थी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
Adarsh Scam, Adarsh Comission, Ashok Chavan, Vilasrao Deshmukh Adarsh, आदर्श घोटाला, आदर्श कमीशन, अशोक चव्हाण, विलासराव देशमुख