आसाराम की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
यौन शोषण के आरोप में करीब 5 साल से ज्यादा वक्त से जेल में बंद आसाराम पर 25 अप्रैल को जोधपुर कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी. आसाराम के समर्थक भले ही फैसले के दिन शांति बनाए रखने का दावा कर रहे हों लेकिन राजस्थान पुलिस को आशंका है कि फैसले के दिन कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है, इसलिए अभी से जोधपुर में धारा 144 लगा दी गयी है और फैसले के दिन कोर्ट भी जेल में ही लगेगी और जेल के अंदर ही फैसला सुनाया जाएगा.
25 अप्रैल को जोधपुर कोर्ट के फैसले से पहले आसाराम ने अपने भक्तों को लिखी चिट्ठी
आसाराम पर उन्हीं की एक नाबालिग भक्त के साथ यौन शोषण और उसे बंधक बनाने का आरोप है. पुलिस ने आसाराम और उसके जोधपुर आश्रम के 4 कर्मचारियों के खिलाफ 6 नवंबर 2013 को ही आरोप पत्र दाखिल कर दिया था. इस केस 58 गवाह हैं. आसाराम के खिलाफ जिन धाराओं में केस दर्ज किया गया है उनमें उम्रकैद तक कि सज़ा का प्रावधान है. अब सबकी निगाहें 25 अप्रैल के फैसले पर टिकी हैं.
वहीं आसाराम ने अपने भक्तों को फैसले से पहले एक चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने 25 अप्रैल को जोधपुर आकर अपना धन बर्बाद न करें, आप जहां हैं वहीं रहकर रिहाई की प्रार्थना करें और कानून का पालन करें. भक्तों का कहना है कि अब वो जोधपुर नहीं जाएंगे.
आसाराम यौन शोषण मामला : हाईकोर्ट ने अदालत परिसर की जगह जेल में ही फैसला सुनाने के दिए आदेश
इस केस की सुनवाई के दौरान नौ गवाहों पर हमले हुए है और तीन की मौत हो गई है. गवाह अमृत प्रजापत की 2014 में गोली मार कर हत्या की गई, रसोइये कृपाल सिंह की 2015 में हत्या हुई, गवाह महेंद्र चावला पर हमला हुआ और राहुल सचान पर अदालत में चाक़ू से हमला किया गया.
केस की सुनवाई कर रहे जज और तफ्तीश कर रहे पुलिस अधिकारीयों को भी धमकियां भी मिली. लेकिन इसके बावजूद इस मामले में पीड़िता खुद जो एक अहम गवाह है अपने बयान पर कायम रही. अब फैसले की तरीक़ 25 अप्रैल है. ऐसे में जोधपुर शहर में क़ानून व्यवस्था बनाये रखना एक बड़ी चुनौती है. पुलिस ने आसाराम का आश्रम खाली करवा दिया है और उसके समर्थकों को यहां इक्ट्ठा होने से रोक रहे है.
25 अप्रैल को जोधपुर कोर्ट के फैसले से पहले आसाराम ने अपने भक्तों को लिखी चिट्ठी
आसाराम पर उन्हीं की एक नाबालिग भक्त के साथ यौन शोषण और उसे बंधक बनाने का आरोप है. पुलिस ने आसाराम और उसके जोधपुर आश्रम के 4 कर्मचारियों के खिलाफ 6 नवंबर 2013 को ही आरोप पत्र दाखिल कर दिया था. इस केस 58 गवाह हैं. आसाराम के खिलाफ जिन धाराओं में केस दर्ज किया गया है उनमें उम्रकैद तक कि सज़ा का प्रावधान है. अब सबकी निगाहें 25 अप्रैल के फैसले पर टिकी हैं.
वहीं आसाराम ने अपने भक्तों को फैसले से पहले एक चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने 25 अप्रैल को जोधपुर आकर अपना धन बर्बाद न करें, आप जहां हैं वहीं रहकर रिहाई की प्रार्थना करें और कानून का पालन करें. भक्तों का कहना है कि अब वो जोधपुर नहीं जाएंगे.
आसाराम यौन शोषण मामला : हाईकोर्ट ने अदालत परिसर की जगह जेल में ही फैसला सुनाने के दिए आदेश
इस केस की सुनवाई के दौरान नौ गवाहों पर हमले हुए है और तीन की मौत हो गई है. गवाह अमृत प्रजापत की 2014 में गोली मार कर हत्या की गई, रसोइये कृपाल सिंह की 2015 में हत्या हुई, गवाह महेंद्र चावला पर हमला हुआ और राहुल सचान पर अदालत में चाक़ू से हमला किया गया.
केस की सुनवाई कर रहे जज और तफ्तीश कर रहे पुलिस अधिकारीयों को भी धमकियां भी मिली. लेकिन इसके बावजूद इस मामले में पीड़िता खुद जो एक अहम गवाह है अपने बयान पर कायम रही. अब फैसले की तरीक़ 25 अप्रैल है. ऐसे में जोधपुर शहर में क़ानून व्यवस्था बनाये रखना एक बड़ी चुनौती है. पुलिस ने आसाराम का आश्रम खाली करवा दिया है और उसके समर्थकों को यहां इक्ट्ठा होने से रोक रहे है.
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