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This Article is From Mar 30, 2018

आसनसोल हिंसा: पश्चिम बंगाल में बीते पांच सालों में बढ़ी हैं हिंसक झड़प की घटनाएं

रामनवमी के जुलूस के दौरान पश्चिम बंगाल के आसनसोल में भड़की हिंसा ने सबको हैरान कर दिया है.

आसनसोल हिंसा: पश्चिम बंगाल में बीते पांच सालों में बढ़ी हैं हिंसक झड़प की घटनाएं
आसनसोल हिंसा में जली गाड़ी
आसनसोल: रामनवमी के जुलूस के दौरान पश्चिम बंगाल के आसनसोल में भड़की हिंसा ने सबको हैरान कर दिया है. पश्चिम बंगाल के आसनसोल में कहीं पथराव हुए तो कहीं बम फेंके गए. लेकिन अब सब जगह हालात क़ाबू में हैं. बीते पांच सालों में पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक तनाव में लगातार बढ़ोतरी हुई है.

बीते तीन दिनों से आसनसोल में हिंसा का दौर जारी रहा. इन जली हुई गाड़ियों,  दुकानों के देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि हिंसा की आग कितनी तेज़ थी. यहां का चांदमारी, रेलपार्क और श्रीनगर इलाका सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ. रामनवमी के बाद आसनसोल के इन इलाकों में मंगलवार की शाम से हिंसा भड़की. रामनवमी जुलूस के दौरान ईंट, पत्थर और बम चले. जिसके बाद से दोनों समुदायों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. हिंसा के बाद कई महिलाओं ने रिलीफ़ कैंप में शरण ली.

हाालंकि, हिंसा प्रभावित इलाकों में भारी संख्या में पुलिसबल लगातार गश्त लगा रहे हैं. प.बंगाल में बीते कुछ सालों में सांप्रदायिक झड़प की संख्या तेज़ी से बढ़ी है. अगर आकड़ों पर गौर करें तो 2012 में यहां 45 झड़प हुए, तो 2013 में ये आंकड़ा 49 हो गया. 2014 में 40 जगह झड़प हुईंं. इसके बाद ये आंकड़ा तेज़ी से बढ़ा है. 2015 में 65, 2016 में 69 और 2017 में ये संख्या 172 हो गई.

आसनसोल में तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने किया सीपीएम के दफ्तर में तोड़फोड़ 

इस बार की भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई. इससे पहले पिछले साल जुलाई में बशीरहाट में हुई हिंसा में एक शख़्स की मौत हुई थी. इससे पहले दिसंबर 2016 में धुलागढ़ में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी.

भड़की हिंसा के बीच आसनसोल पहुंचे यहां के सांसद बाबुल सुप्रियो के ख़िलाफ़ दो केस दर्ज हुए हैं. ये केस पुलिस अधिकारी ने दर्ज कराए हैं. वहीं सांसद ने हिंसा के लिए ममता बनर्जी पर आरोप लगाया है. जैसे-जैसे 2019 के चुनाव क़रीब आ रहे हैं पश्चिम बंगाल की स्थिति बिगड़ती जा रही है.

VIDEO: रामनवमी के दिन आसनसोल हिंसा पर रिपोर्ट तलब

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