मुस्लिम लीडर नहीं 'डीलर' हैं आजम खां और गुलाम नबी आज़ाद : असदउद्दीन ओवैसी

मुस्लिम लीडर नहीं 'डीलर' हैं आजम खां और गुलाम नबी आज़ाद : असदउद्दीन ओवैसी

एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी ने विपक्षियों को दी खुली बहस की चुनौती. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • ओवैसी ने विपक्षी नेताओं को दी खुली बहस की चुनौती.
  • कहा- 70 सालों में मुसलमानों के हालात बद से बदतर हुए.
  • 'हम लोगों के दबे जज्बात को बताते हैं तो सांप्रदायिक करार दिए जाते हैं.'
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में अपनी पार्टी की जड़ें जमाने में जुटे आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष सांसद असदउद्दीन ओवैसी ने आज विपक्षी दलों को देश में मुसलमानों की स्थिति और खुद पर लगने वाले तमाम आरोपों पर बहस करने की चुनौती दी.

ओवैसी ने यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद से ही देश के मुसलमानों की हालत बद से बदतर होती गई लेकिन कांग्रेस समेत किसी भी दल ने इस तरफ ध्यान देने की जहमत नहीं उठाई. उन्होंने अपनी-अपनी पार्टी का मुस्लिम चेहरा कहे जाने वाले सपा नेता आजम खां, बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद को मुस्लिम 'डीलर' करार दिया.

क्या उनके भाषण से फूल बरसते हैं...
उन्होंने कहा, 'सपा, बसपा, कांग्रेस और भाजपा के नेता मुझे साम्प्रदायिक बताते हैं. कहते हैं कि हम भड़काउ भाषण देते हैं. लेकिन जो उनके नेता भाषण देते हैं क्या उसमें फूल बरसते हैं? हम तो लोगों के 70 साल से दबे जज्बात को बताते हैं. संविधान ने हमें अपने हक के लिए लड़ने का हक दिया है.' ओवैसी ने कहा, 'हम सारी पार्टियों को खुली चुनौती देते हैं कि वह मुसलमानों के हालात और हम पर लगाए जाने वाले आरोपों पर हमारे जलसे में आकर बहस करें या हम उनके जलसे में आकर बहस कर सकते हैं.'

हैदराबाद के सांसद ने कहा कि देश की आजादी में मुसलमानों का भी योगदान रहा है. मौलानाओं ने अंग्रेजों के खिलाफ जेहाद के फतवे दिए थे लेकिन इतिहासकार इन बातों का जिक्र नहीं करते. इस कौम ने सब पर भरोसा किया लेकिन उसे पिछड़ेपन के सिवा कुछ नहीं मिला.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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