अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज जंतर-मंतर पर वन रैंक वन पेंशन के लिए आंदोलन कर रहे पूर्व सैनिकों से मिलेंगे। जंतर-मंतर पर पिछले पांच महीने से आंदोलन कर रहे पूर्व सैनिकों ने साफ किया है कि उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री को आमंत्रित नहीं किया है बल्कि वह खुद समर्थन देने आ रहे हैं। उन्हें ये अपना माइक तक बोलने के लिये नहीं देंगे, लेकिन वो मंच से नीचे वेटरन के साथ आधे घंटे बैठेंगे। इसके बाद वे चाहे तो मीडिया से बात कर सकते हैं। दरअसल, पूर्व सैनिकों का एक धड़ा केंद्र सरकार की ओर से वन रैंक वन पेंशन को लेकर जारी की गई अधिसूचना से नाराज हैं और उनका मानना है कि केंद्र ने जो अधिसूचना जारी की है, उससे मामला और उलझ जाएगा।
रक्षामंत्री ने कहा, मेडल जलाना या लौटाना उचित नहीं
इस अधिसूचना के विरोध में देश की पांच जगहों पर करीब एक हजार मेडल पूर्व सैनिकों ने लौटाए हैं और रविवार को कुछ पूर्व सैनिकों ने मेडल जलाने की कोशिश भी की। इस रक्षा पर मनोहर पर्रिकर ने कहा कि सेना में मेडल बहादुरी और देश की सेवा के लिए दिया जाता है ना कि सर्विस कंडीशन के लिए। मेडल को जलाना या फिर उसके प्रति अनादार दिखाना ना देश के लिए अच्छा है ना ही सेना के लिए। वहीं रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन बीजेपी का चुनावी वायदा था और उसे पूरा किया जा चुका है। किसी को शिकायत है तो वह इसके लिए बनाए गए न्यायिक आयोग के पास जा सकता है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि पूर्व सैनिकों की हर मांग को माना नहीं जा सकता है। मनोहर पर्रिकर ने कहा कि लोकतंत्र में मांग करने का सभी को अधिकार है, लेकिन 'हां' किसी की हर मांग को मान लेना संभव नहीं है।
राष्ट्रपति भवन तक जुलूस
पूर्व सैनिकों ने वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) के क्रियान्वयन के लिए सात नवंबर से जारी अधिसूचना के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया था। रविवार को इसके खिलाफ कुछ पूर्व सैनिकों ने अपना मेडल जलाने की कोशिश की फिर राष्ट्रपति भवन तक मार्च करने की कोशिश की ताकि अपना मेडल तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति को लौटा सके, लेकिन दिल्ली पुलिस ने हालांकि विरोध जुलूस को रेल भवन के पास ही रोक दिया।
जंतर-मंतर पर पूर्व सैनिक आंदोलन खत्म करें
उधर, सेना के पश्चिमी कमान के प्रमुख रहे लेफ्टिनेंट जनरल तेज सप्रू ने जंतर-मंतर में आंदोलन कर रहे पूर्व सैनिकों ने अपील की है कि अब वे अपना आंदोलन खत्म कर दें और अगर ओआऱओपी को लेकर कोई दिक्कत है तो कानूनी रास्ता अपनाएं। मेडल को जलाना या वापस करना किसी भी अनुशासित सैनिक के लिए ना तो सही है और ना ही इसकी उम्मीद की जाती है चाहे मामला कुछ भी हो। जनरल सप्रू कहते है कि ऐसा कई सारे पूर्व सैनिकों की सोच है और ये पूर्व सैनिकों के आत्मसम्मान के जरूरी है।
रक्षामंत्री ने कहा, मेडल जलाना या लौटाना उचित नहीं
इस अधिसूचना के विरोध में देश की पांच जगहों पर करीब एक हजार मेडल पूर्व सैनिकों ने लौटाए हैं और रविवार को कुछ पूर्व सैनिकों ने मेडल जलाने की कोशिश भी की। इस रक्षा पर मनोहर पर्रिकर ने कहा कि सेना में मेडल बहादुरी और देश की सेवा के लिए दिया जाता है ना कि सर्विस कंडीशन के लिए। मेडल को जलाना या फिर उसके प्रति अनादार दिखाना ना देश के लिए अच्छा है ना ही सेना के लिए। वहीं रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन बीजेपी का चुनावी वायदा था और उसे पूरा किया जा चुका है। किसी को शिकायत है तो वह इसके लिए बनाए गए न्यायिक आयोग के पास जा सकता है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि पूर्व सैनिकों की हर मांग को माना नहीं जा सकता है। मनोहर पर्रिकर ने कहा कि लोकतंत्र में मांग करने का सभी को अधिकार है, लेकिन 'हां' किसी की हर मांग को मान लेना संभव नहीं है।
राष्ट्रपति भवन तक जुलूस
पूर्व सैनिकों ने वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) के क्रियान्वयन के लिए सात नवंबर से जारी अधिसूचना के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया था। रविवार को इसके खिलाफ कुछ पूर्व सैनिकों ने अपना मेडल जलाने की कोशिश की फिर राष्ट्रपति भवन तक मार्च करने की कोशिश की ताकि अपना मेडल तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति को लौटा सके, लेकिन दिल्ली पुलिस ने हालांकि विरोध जुलूस को रेल भवन के पास ही रोक दिया।
जंतर-मंतर पर पूर्व सैनिक आंदोलन खत्म करें
उधर, सेना के पश्चिमी कमान के प्रमुख रहे लेफ्टिनेंट जनरल तेज सप्रू ने जंतर-मंतर में आंदोलन कर रहे पूर्व सैनिकों ने अपील की है कि अब वे अपना आंदोलन खत्म कर दें और अगर ओआऱओपी को लेकर कोई दिक्कत है तो कानूनी रास्ता अपनाएं। मेडल को जलाना या वापस करना किसी भी अनुशासित सैनिक के लिए ना तो सही है और ना ही इसकी उम्मीद की जाती है चाहे मामला कुछ भी हो। जनरल सप्रू कहते है कि ऐसा कई सारे पूर्व सैनिकों की सोच है और ये पूर्व सैनिकों के आत्मसम्मान के जरूरी है।
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