शपथ ग्रहण करने के बाद अरविंद केजरीवाल
दिल्ली में आज इतिहास रचा गया है। एक पार्टी जिसकी उम्र महज एक साल से कुछ ऊपर है, ने आज दिल्ली की सत्ता संभाल ली। उपराज्यपाल नजीब जंग ने अरविंद केजरीवाल और उनके छह मंत्रियों (मनीष सिसौदिया, सौरभ भारद्वाज, राखी बिड़ला, सत्येंद्र जैन, गिरीश सोनी, सोमनाथ भारती) को रामलीला मैदान में शपथ दिलाई। शपथ लेने के बाद केजरीवाल राजघाट पहुंचे और उसके बाद सीधे सचिवालय गए। इसके बाद उन्होंने विभाग संबंधी जानकारी मीडिया को दी।
अरविंद केजरीवाल ने अपने पास गृह, ऊर्जा, योजना, वित्त, सेवा, सतर्कता तथा ऐसे विभाग जो किसी अन्य को नहीं दिए गए, फिलहाल अपने पास रखे हैं।
मनीष सिसौदिया : शिक्षा, उच्च शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, शहरी विकास विभाग, स्थानीय संस्थाएं, भूमि और भवन तथा राजस्व विभाग संभालेंगे।
सोमनाथ भारती : प्रशासकीय सुधार, कानून, पर्यटन, कला और संस्कृति मंत्रालय संभालेंगे।
सौरभ भारद्वाज : परिवहन, खाद्य आपूर्ति, पर्यावरण, चुनाव और आम प्रशासकीय सुधार विभाग भारद्वाज को दिए गए हैं।
राखी बिड़ला : मंत्रिमंडल की सबसे युवा सदस्य राखी बिड़ला को महिला और बाल विकास, सामाजिक सुधार और भाषा विभाग दिए गए हैं। उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी विशेष दायित्व दिया गया है।
गिरीश सोनी : अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण, रोजगार, विकास और श्रम तथा कौशल अभियान विभाग सौंपा गया है।
सत्येंद्र जैन : स्वास्थ्य, उद्योग और गुरुद्वारा चुनाव विभाग की जिम्मेदारी जैन को सौंपी गई है।
अरविंद केजरीवाल ने शपथ ग्रहण के बाद भाषण में कहा कि आज बहुत ऐतिहासिक दिन है। आज हमने नहीं, दिल्ली के हर नागरिक ने मुख्यमंत्री और मंत्री की शपथ ली। यह सारी कवायद सत्ता जनता के हाथ में देने के लिए थी। आज आम आदमी की जीत हुई है।
दरअसल, अरविंद केजरीवाल शपथ ग्रहण स्थल के लिए मेट्रो से पहुंचे थे। रामलीला मैदान लोगों से खचाखच भरा था। सड़कों पर भी लोगों की भीड़ दिखाई दे रही थी। सुरक्षा के लिए यहां कड़े इंतजाम किए गए थे।
घर से निकलते वक्त केजरीवाल ने मीडिया से कहा था कि यह आजादी की दूसरी लड़ाई है। आज इतिहास रचने जा रहा है। आम आदमी सीएम बना है।
वहीं अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में उनके गुरु अन्ना हजारे खराब सेहत की वजह से नहीं पहुंचे। उन्होंने केजरीवाल को खत लिखकर शुभकामनाएं दी हैं। अन्ना ने कहा कि केजरीवाल अच्छा काम करेंगे।
खास बात यह है कि वह सिर्फ नई सरकार नहीं बना रहे हैं, नई राजनीति भी विकसित करने की कोशिश में हैं। 'आप' के मंत्री लालबत्ती वाली गाड़ी नहीं लेंगे, बंगला नहीं लेंगे और वीआईपी सिक्योरिटी से भी इनकार कर चुके हैं।
गौरतलब है कि कभी अरविंद केजरीवाल को बरसाती कीड़ा कहा गया तो कभी उसे नाचीज और खत्म कहानी बताया गया, लेकिन केजरीवाल और उनके साथियों ने साबित किया कि मेहनत और ईमानदारी की राजनीति खुर्राट नेताओं पर भारी पड़ सकती है।
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