वायुसेना प्रमुख अरुप राहा
नई दिल्ली:
अपने रिटायरमेंट से दो दिन पहले आउटगोइंग वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने पूर्व वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल एस पी त्यागी का जमकर बचाव किया. उन्होंने कहा कि यह चीजें समय-समय पर आती रही हैं, जैसे बोफोर्स, और जांच के बावजूद बहुत कुछ सिद्ध नहीं हो पाया.
उन्होंने कहा कि हथियारों की खरीद में कई एजेंसियां शामिल होती हैं, केवल सैन्य बलों को दोषी ठहराना ठीक नहीं. त्यागी की गिरफ्तारी का असर होगा. हम चाहते हैं कानून का पालन हो. जब जांच पूरी हो जाएगी तब जो भी अदालत कहेगी, उसका पालन किया जाएगा. जब तक आरोप साबित नहीं हो जाते हमें उनको उनके अधिकार देने चाहिए.
वर्तमान एयरचीफ राहा ने कहा कि पूर्व वायुसेना प्रमुख हमारे लिए परिवार के हिस्से की तरह हैं और हमको उनके साथ खड़ा रहना चाहिए लेकिन यदि आरोप साबित हो जाते हैं तो हमारी उनके साथ कोई सहानुभूति नहीं रहेगी. आपको ये बता दें कि सीबीआई ने 9 दिसंबर को पूर्व वायुसेना प्रमुख को अगुस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में गड़बड़ी को लेकर गिरफ्तार कर लिया था और उन्हें जमानत पर सोमवार को ही रिहा किया गया है.
एयरचीफ राहा ने कहा कि हमारे लिए इस साल पठानकोट पहला झटका था जिससे वायुसेना ने सीख ली है और अब हम पहले से ज़्यादा तैयार हैं. चीफ के मुताबिक दूसरा बड़ा झटका वायुसेना के विमान एएन-32 का लापता हो जाना था. अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद हम इस विमान को नहीं ढूंढ़ पाए. विमान का लापता होना मेरे करियर की सबसे बुरी स्मृति रही है.
एयरचीफ ने ये भी जोर देकर कहा कि अगर मेरे रिटायरमेंट से पहले वेतन आयोग और ओआरओपी से जुड़ी विसंगतियां पूरी तरह दूर हो जाती तो मैं अधिक संतुष्ट होता.
उन्होंने कहा कि हथियारों की खरीद में कई एजेंसियां शामिल होती हैं, केवल सैन्य बलों को दोषी ठहराना ठीक नहीं. त्यागी की गिरफ्तारी का असर होगा. हम चाहते हैं कानून का पालन हो. जब जांच पूरी हो जाएगी तब जो भी अदालत कहेगी, उसका पालन किया जाएगा. जब तक आरोप साबित नहीं हो जाते हमें उनको उनके अधिकार देने चाहिए.
वर्तमान एयरचीफ राहा ने कहा कि पूर्व वायुसेना प्रमुख हमारे लिए परिवार के हिस्से की तरह हैं और हमको उनके साथ खड़ा रहना चाहिए लेकिन यदि आरोप साबित हो जाते हैं तो हमारी उनके साथ कोई सहानुभूति नहीं रहेगी. आपको ये बता दें कि सीबीआई ने 9 दिसंबर को पूर्व वायुसेना प्रमुख को अगुस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में गड़बड़ी को लेकर गिरफ्तार कर लिया था और उन्हें जमानत पर सोमवार को ही रिहा किया गया है.
एयरचीफ राहा ने कहा कि हमारे लिए इस साल पठानकोट पहला झटका था जिससे वायुसेना ने सीख ली है और अब हम पहले से ज़्यादा तैयार हैं. चीफ के मुताबिक दूसरा बड़ा झटका वायुसेना के विमान एएन-32 का लापता हो जाना था. अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद हम इस विमान को नहीं ढूंढ़ पाए. विमान का लापता होना मेरे करियर की सबसे बुरी स्मृति रही है.
एयरचीफ ने ये भी जोर देकर कहा कि अगर मेरे रिटायरमेंट से पहले वेतन आयोग और ओआरओपी से जुड़ी विसंगतियां पूरी तरह दूर हो जाती तो मैं अधिक संतुष्ट होता.
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