नई दिल्ली:
उच्चतम न्यायालय द्वारा अरूणाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बहाल किए जाने के कुछ हफ्तों बाद प्रदेश के राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा को कथित तौर पर अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कहा गया है.
सूत्रों ने शनिवार को बताया कि एक केंद्रीय कनिष्ठ मंत्री और गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा राजखोवा को स्वास्थ्य आधार पर हटने के लिए "मौखिक" रूप से कहा गया है. राज्यपाल के कार्यालय ने हालांकि कहा कि राजखोवा को अपने पद से इस्तीफा देने के लिए किसी की ओर से कोई औपचारिक संदेश नहीं मिला है.
राज्यपाल के पीआरओ अतुम पोतोम ने ईटानगर से फोन पर कहा, "राज्यपाल को अपने पद से इस्तीफा देने के लिए किसी की ओर से कोई औपचारिक संदेश नहीं मिला है. लेकिन मुझे जानकारी मिली है कि दो तीन लोगों ने राज्यपाल से बातचीत की है और मौखिक रूप से संकेत दिया है." सूत्रों ने कहा कि पद से हटने के लिए कहने के संबंध में दिल्ली से दो फोन कॉल मिलने के बाद जाहिर तौर पर राजखोवा ने इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह से संपर्क किया. लेकिन गृह मंत्री ने उन्हें पद से हटने के लिए नहीं कहा.
सूत्रों ने हालांकि कहा कि राजखोवा अगर खुद इस्तीफा नहीं देते हैं तो ऐसी संभावना है कि केंद्र सरकार राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से उन्हें हटाने के लिए कह सकती है. नियमानुसार राजखोखा पांच साल के कार्यकाल के हकदार हैं लेकिन यह राष्ट्रपति की इच्छा पर होता है कि वे कब तक उस पद पर रहें. 71 वर्षीय राजखोवा को पिछले साल मई में राज्यपाल नियुक्त किया गया था.
राजखोवा का इस्तीफा मांगने का केंद्र का यह कथित कदम उच्चतम न्यायालय द्वारा अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार को बहाल किए जाने तथा "निर्वाचित सरकार को अपमानित करने के लिए" राज्यपाल की निंदा किए जाने के कुछ हफ्तों बाद आया है.
सूत्रों ने शनिवार को बताया कि एक केंद्रीय कनिष्ठ मंत्री और गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा राजखोवा को स्वास्थ्य आधार पर हटने के लिए "मौखिक" रूप से कहा गया है. राज्यपाल के कार्यालय ने हालांकि कहा कि राजखोवा को अपने पद से इस्तीफा देने के लिए किसी की ओर से कोई औपचारिक संदेश नहीं मिला है.
राज्यपाल के पीआरओ अतुम पोतोम ने ईटानगर से फोन पर कहा, "राज्यपाल को अपने पद से इस्तीफा देने के लिए किसी की ओर से कोई औपचारिक संदेश नहीं मिला है. लेकिन मुझे जानकारी मिली है कि दो तीन लोगों ने राज्यपाल से बातचीत की है और मौखिक रूप से संकेत दिया है." सूत्रों ने कहा कि पद से हटने के लिए कहने के संबंध में दिल्ली से दो फोन कॉल मिलने के बाद जाहिर तौर पर राजखोवा ने इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह से संपर्क किया. लेकिन गृह मंत्री ने उन्हें पद से हटने के लिए नहीं कहा.
सूत्रों ने हालांकि कहा कि राजखोवा अगर खुद इस्तीफा नहीं देते हैं तो ऐसी संभावना है कि केंद्र सरकार राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से उन्हें हटाने के लिए कह सकती है. नियमानुसार राजखोखा पांच साल के कार्यकाल के हकदार हैं लेकिन यह राष्ट्रपति की इच्छा पर होता है कि वे कब तक उस पद पर रहें. 71 वर्षीय राजखोवा को पिछले साल मई में राज्यपाल नियुक्त किया गया था.
राजखोवा का इस्तीफा मांगने का केंद्र का यह कथित कदम उच्चतम न्यायालय द्वारा अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार को बहाल किए जाने तथा "निर्वाचित सरकार को अपमानित करने के लिए" राज्यपाल की निंदा किए जाने के कुछ हफ्तों बाद आया है.
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