केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में दिल्ली का बजट पेश करते हुए कम बिजली खपत करने वालों को राहत देते हुए उनके बिजली बिलों पर सब्सिडी की घोषणा की। जेटली ने ऐलान किया कि 200 यूनिट तक की बिजली खपत पर 1.20 रुपये और 201-400 यूनिट तक की बिजली खपत पर 80 पैसे प्रति यूनिट की दर से सब्सिडी दी जाएगी। सरकार ने दिल्ली में 260 करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी का प्रस्ताव किया है।
राष्ट्रपति शासन के अधीन दिल्ली राज्य के वित्त वर्ष 2014-15 के लिए 36,776 करोड़ रुपये का बजट पेश करते हुए अरुण जेटली ने कहा कि दिल्ली में किसी नए कर का प्रस्ताव नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में और अधिक रात्रि आश्रय स्थल खोले जाएंगे। दिल्ली के रोहिणी में अत्याधुनिक अस्पताल स्थापित किया जाएगा, साथ ही दिल्ली के विभिन्न इलाकों में 50 डायलिसिस केंद्र खोले जाएंगे।
इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में चार नए जलमल शोधन संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है। झुग्गी-झोपड़ी बस्तियों में सामुदायिक शौचालय खोले जाएंगे। कांग्रेस और विपक्षी सदस्यों द्वारा बजट प्रस्तावों के विरोध के बीच अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि चर्चा के दौरान सदस्य मुद्दों को उठा सकते हैं। जेटली ने बाद में कहा कि वह केवल बजट प्रस्ताव पेश कर रहे हैं, जिसे चर्चा के बाद पास किया जाएगा।
बिजली शुल्क में वृद्धि के विषय पर जेटली ने कहा कि लागत में वृद्धि के कारण यह जरूरी हो गया था। वित्त मंत्री ने कहा, हालांकि गरीब और समाज के निचले पायदान के लोग इससे प्रभावित नहीं होंगे। इसलिए घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 260 करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी का प्रस्ताव कर रहे हैं, ताकि बढ़े शुल्क से ऐसे उपभोक्ताओं को राहत मिल सके। इसकी रूपरेखा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार तय करेगी।
दक्षिण दिल्ली में सरकारी क्षेत्र में अच्छे स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के मद्देनजर उन्होंने चालू वित्त वर्ष में दक्षिण दिल्ली में एक अत्याधुनिक अस्पताल स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। यह रोहिणी में प्रस्तावित अस्पताल के अतिरिक्त होगा।
इनके अलावा कामकाजी महिलाओं के लिए छह हॉस्टल बनाए जाने की बात भी कही गई है। 1,380 नई लो-फ्लोर बसें चलाई जाएंगी।
संसद में दिल्ली का बजट पेश किए जाने से पहले बीजेपी की दिल्ली इकाई ने उपभोक्ताओं को बिजली पर सब्सिडी देने की मांग की थी। दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने वित्त मंत्री से कहा था कि दिल्ली के लोगों पर बिजली बिलों का भारी बोझ पड़ रहा है, इसलिए केंद्र सरकार को 800 करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी उपलब्ध करानी चाहिए।
उपाध्याय ने कहा था, बीजेपी दिल्ली में सत्ता में आने पर बिजली की दरों में 30 प्रतिशत कमी लाने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन हम आज भी दिल्ली के लोगों को परेशानी में नहीं छोड़ सकते, इसलिए हमने सब्सिडी के रूप में तुरंत राहत दिए जाने की मांग की है।
दिल्ली की पूर्ववती शीला दीक्षित सरकार ने 0-200 यूनिट और 200 से 400 यूनिट खपत पर कई सालों तक एक रुपये प्रति यूनिट की दर से सब्सिडी दी थी। आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने भी अपने चुनाव वादे को पूरा करते हुए सत्ता में आने पर 400 यूनिट की खपत वाले उपभोक्ताओं को बिजली में 50 प्रतिशत सब्सिडी दी थी। हालांकि, यह योजना 31 मार्च को समाप्त हो गई।
(इनपुट भाषा से भी)
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