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भारत-चीन सीमा पर तैनाती और संचालनात्मक योजनाओं की अत्यंत गोपनीय ब्योरा लीक करने के मामले में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी ने छह सैन्य अधिकारियों को दोषी ठहराया है।
सूत्रों ने बताया कि कुछ वर्ष पहले हुई इस घटना के संबंध में अनेक मामलों में दोषसिद्ध करार दिए गए सैन्य अधिकारी अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने बताया कि रंगिया आधारित 21 माउंटेन डिविजन को लिखा तेजपुर आधारित 4 कोर का अत्यंत गोपनीय पत्र लीक होने के चलते संवेदनशील सूचना गलत हाथों में चला गया होगा।
समझा जाता है कि इस पत्र में चीन सीमा से संबंधित संचालनात्मक योजनाएं और अन्य अहम सूचनाएं थी। सूत्रों ने बताया कि उस समय 21 माउंटेन डिविजन का कमांड मेजर जनरल एनएस घेइ के पास था, जिन्हें बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया। अभी उनके पास पाकिस्तान सीमा पर बठिंडा आधारित 10 कोर का कमांड है।
यह अत्यंत गोपनीय पत्र 21 माउंटेन डिविजन को प्राप्त होने के एक हफ्ते बाद लापता हो गया और अभी तक उसका अता-पता नहीं चल सका है। अभी यह साफ नही है कि क्या सेना के शीर्ष अधिकारियों ने रक्षा मंत्रालय को एक ऐसे समय में इतने संवेदनशील पत्र के गुम होने की सूचना दी थी, जब जनरल वीके सिंह सेना प्रमुख थे।
सेना चीन से लगी सीमा पर अपनी क्षमताओं का निर्माण कर रही है, जिसमें 'माउंटेन स्ट्राइक कोर' के माध्यम से 90 हजार अतिरिक्त सैनिकों की बहाली शामिल है। माउंटेन स्ट्राइक कोर का गठन होना अभी बाकी है।
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