गुजरात-राजस्थान बाढ़ राहत अभियान में सेना ने इंसानों व जानवरों को बचाने के लिए लगाई जान की बाजी

गुजरात-राजस्थान बाढ़ राहत अभियान में सेना ने इंसानों व जानवरों को बचाने के लिए लगाई जान की बाजी

अहमदाबाद:

रेल पटरियों को बहाल करने, एक डूबती हुई मां और उसकी बच्ची और यहां तक कि एक कुत्ते को बचाकर सेना और वायु सेना के जवान राजस्थान और गुजरात के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य में पूरे जोर-शोर से लगे हुए हैं।

गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों में बचाव अभियानों में दक्षिणी कमान और दक्षिण-पश्चिमी कमान के जवानों को लगाया गया है। सैन्य सूत्रों ने बताया, 'उन्होंने 1000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है और राहत वस्तुओं के तौर पर 2400 से अधिक लोगों को खाद्य सामग्री, पेयजल, दवा और मेडिकल कवर प्रदान किया है। कुल 28 राहत टीमों, सात मेडिकल टीमों और सात ईटीएफ (इंजीनियर टास्क फोर्सेज) को तैनात किया गया है।'

सैन्य बाढ़ राहत टुकड़ियां गुजरात के बनासकांठा और भुज में हैं और राजस्थान के चिरपटिया, धनेरा और संचौर में हैं। बहादुरी की अनेक कहानियां सामने आई हैं। हवलदार यूसुफ ने एक डूबती हुई मां और उसकी बच्ची को गुजरात के कच्छ जिले में भुज से तकरीबन 50 किलोमीटर उत्तर में स्थित शेरवो गांव से बचाया है।

क्षेत्र में 27 से 30 जुलाई के बीच भारी बारिश और बाढ़ के कारण हुडको गांव से शेरवो को जोड़ने वाली एकमात्र सड़क को गंभीर नुकसान पहुंचा है। इसलिए सभी संचार और आपूर्ति कट गई है। सेना और गुजरात पुलिस के एक दल को राहत व लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम 31 जुलाई को सौंपा गया। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम दोपहर को शुरू हुआ और 17 मासूमों और 32 बच्चों सहित करीब 200 ग्रामीणों को बचाया गया है।

सड़क पर कई जगह कटाव से सबसे नजदीकी गांव 13 किलोमीटर दूर है और दोनों तरफ से तेजी से पानी बह रहा है। ग्रामीणों को रस्सी की मदद से इन कटावों को पार कराया गया और पानी के बहाव के खिलाफ एक मानव श्रृंखला बनाई गई है।

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शेरवो में गनर सुधीर यादव ने पानी की तेज धार में अस्तित्व बचाने के लिए संघषर्रत एक कुत्ते को बचाया। भारतीय वायु सेना भी बाढ़ प्रभावित लोगों के बचाव के लिए आई। वायु सेना के विमानों ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए कई उड़ानें भरीं और हजारों खाद्य पैकेट गिराए।