केंद्र की एनडीए सरकार ने गुरूवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उच्च् शिक्षण संस्थानों में 13 प्वाइंट रोस्टर को पलटकर 200 अंक रोस्टर सिस्टम लागू करने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने इसके लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया है. बता दें कि केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल 13 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम के खिलाफ पिछले एक साल से लगातार आवाज उठा रही थीं. पिछले साल मानसून सत्र एवं इस बार बजट सत्र से पूर्व एनडीए की बैठक में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इस ज्वलंत मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था.
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पिछले महीने उच्च्तम न्यायालय द्वारा 13 प्वाइंट रोस्टर मामले में केंद्र सरकार की याचिका खारिज होने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने प्रधानमंत्री से इस गंभीर मामले में अध्यादेश लाने की अपील की थीं. केंद्रीय मंत्री पटेल ने यह भी कहा था कि 13 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम को लेकर अनुसूचित जाति- जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग में नाराजगी बढ़ती जा रही है. अत: इस गंभीर समस्या के निराकरण के लिए केंद्र सरकार तत्काल अध्यादेश लाए.
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की अपील पर एनडीए सरकार की कैबिनेट की अंतिम बैठक में 13 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम के स्थान पर 200 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम लागू करने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी.
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केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने केंद्र सरकार की इस पहल के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि एनडीए सरकार की इस पहल से समाज के निचले तबके एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग में खुशी का माहौल है. केंद्र सरकार की इस पहल से नरेंद्र मोदी जी के प्रति आरक्षित वर्ग का विश्वास और अधिक बढ़ेगा.
NDA की बैठक में केंद्र की मंत्री ने ही उठाया विश्वविद्यालयों में रोस्टर सिस्टम का मामला
बता दें कि पिछले दिनों मीडिया में आई खबर के अनुसार देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एससी वर्ग के प्रोफेसर की संख्या महज 39 (3.47 प्रतिशत), एसटी वर्ग के प्रोफेसर की संख्या महज 8 (0.7 प्रतिशत) और ओबीसी वर्ग के प्रोफेसर की संख्या शून्य है. जबकि सामान्य वर्ग के प्रोफेसर की संख्या 1125 में से 1071 (95.2 प्रतिशत) है. इसी तरह इन विश्वविद्यालयों में एससी वर्ग के एसोसिएट प्रोफेसर की संख्या 130 (4.96 प्रतिशत), एसटी वर्ग के एसोसिएट प्रोफेसर की संख्या 34 (1.30 प्रतिशत) और ओबीसी वर्ग के एसोसिएट प्रोफेसर की संख्या शून्य है. जबकि सामान्य वर्ग के एसोसिएट प्रोफेसर की संख्या 2620 में 2434 (92.90 प्रतिशत) है. ऐसे में यदि 13 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम को लागू किया जाता तो आरक्षित वर्ग के प्रोफेसर एवं एसोसिएट प्रोफेसर की संख्या और कम हो जाती.
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