Ambani Bomb Scare Case: पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा के घर NIA का छापा

मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की बिल्डिंग एंटीलिया के पास आतंकी साजिश की झूठी कहानी बनाने के आरोप में मुम्बई पुलिस (Mumbai Police) के पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीश शर्मा (Pradeep Sharma) पर राष्ट्रिय जांच एजेंसी (NIA) ने कार्रवाई की है.

मुंबई:

मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की बिल्डिंग एंटीलिया के पास आतंकी साजिश की झूठी कहानी बनाने के आरोप में मुम्बई पुलिस (Mumbai Police) के पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीश शर्मा (Pradeep Sharma) पर राष्ट्रिय जांच एजेंसी (NIA) ने कार्रवाई की है. NIA की टीम ने आज सुबह प्रदीप शर्मा के घर पर छापेमारी की है. मामले में एपीआई सचिन वज़े (Sachin Vaze) मुख्य साजिशकर्ता था. मामले में बीते अप्रैल माह तक पुलिस संदिग्ध महिला के साथ पूर्व मुम्बई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह, पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा सहित कई डीसीपी और छोटे बड़े 25 से ज्यादा पुलिस वालों का बयान दर्ज कर चुकी है. सचिन वज़े को हफ्ता देने वाले कई बार मालिकों से भी पूछताछ की गई थी.

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नवंबर 2020 में हुई थी प्लानिंग! 

जांच से जुड़े कुछ अफसरों से NDTV ने जानकारी हासिल की थी. तब पता चला था कि इस साजिश की शुरुआत नवंबर 2020 से ही शुरू हो गई थी, लेकिन अभी तक पूरी कड़ियां जुड़ी नही हैं इसलिए पुख्ता तौर पर कुछ कह पाना मुश्किल है. कड़ियों को जोड़ने की एजेंसी की कोशिश जारी है. जिसकी सबसे पहली कड़ी औरंगाबाद से 17 नवंबर को चुराई गई ईको कार. 28 मार्च को NIA को बीकेसी में मीठी नदी से CPU, DVR, सचिन वज़े का लैपटॉप और प्रिंटर के साथ एक ही नम्बर के दो कार नंबर प्लेट भी मिली थी. पता चला कि वो इको कार की नंबर प्लेट है और और उसे 17 नवंबर को औरंगाबाद से चुराया गया था. 

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वसई में हुई थी साजिश की मीटिंग! 

मामले में गिरफ्तार सचिन वज़े और विनायक शिंदे के मिलने का एक ठिकाना वसई का एक फॉर्महाउस भी था. 24 फरवरी के पहले मीटिंग में साजिश की पूरी कहानी बनाई गई थी. उस मीटिंग में कुछ और लोग भी शामिल थे जिनका नाम बाहर आना अभी बाकी है. उस मीटिंग के बाद ही गुजरात के फर्जी सिम कार्ड का जुगाड़ लगाया गया ताकि मोबाइल नम्बर से कोई जांच एजेंसी असली आरोपी तक पहुंच ना पाए. फर्जी सिम कार्ड दिलाने वाले ठक्कर नाम के उस सट्टेबाज का बयान भी दर्ज हो चुका है. NIA अदालत में बता चुकी है कि बुकी नरेश गौर के पास से एक चिट मिला है जिसमें 14 मोबाइल फोन नम्बर लिखे थे. उनमें से 5 सिमकार्ड वाजे को दिए गए थे. बाद में उन्हीं फोन नंबरों का इस्तेमाल पूरी साजिश को प्लान्ट करने और फिर 4 मार्च की रात मनसुख हिरेन को फोन कर बुलाने के लिए किया गया था. 4 मार्च की रात ही मनसुख हिरेन की हत्या कर मुम्ब्रा रेती बंदर में फेंक दिया गया था. 

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2 लोगों के एनकाउंटर की थी योजना

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NIA हिरासत में सचिन वज़े ने एक और सनसनीखेज खुलासा किया था. एजेंसी सूत्रों के मुताबिक वजे ने बताया था कि आतंकी साजिश प्लांट करने के बाद जांच को रफा-दफा करने के लिए 2 लोगों के एनकाउंटर की योजना थी. उसके लिये 2 व्यक्तियों की पहचान भी कर ली गई थी.