आम आदमी पार्टी की विधायिका प्रमिला टोकस (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी के विधायक एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। दक्षिणी दिल्ली से आम आदमी पार्टी की विधायिका प्रमिला टोकस और उनके पति के खिलाफ आरके पुरम थाने में दो मामलों में एफआईआर दर्ज कराया गया है। उन पर सरकारी काम में बाधा डालने और सरकारी कर्मचारी के साथ मारपीट का मामला दर्ज किया गया है। प्रमिला पर आरोप है कि उन्होंने आरके पुरम में झुग्गियां हटाने गए सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को काम करने से रोका और भीड़ को भड़काने का काम किया।
15 दिसंबर को पहला एफआईआर
15 दिसंबर को सीपीडब्ल्यूडी के एई जयराम ने आरके पुरम थाने में एफआईआर दर्ज कराई और शिकायत में लिखा कि आरके पुरम में झुग्गियां हटाने का काम शांतिपूर्वक चल रहा था, तभी आप की विधायिका प्रमिला टोकस और उनके पति कार्यकर्ताओ के साथ वहां आ गए और काम को रुकवा दिया और भीड़ को भड़काने लगे जबकि उन्हें बताया गया था कि ये अलाधिकृत है, उनके कार्यकर्ताओं ने मुझे घेर लिया और महिलाओं को मुझे मारने का आदेश दिया। कार्यकर्ताओं ने सरकारी काम में बाधा डाली और मेरे साथ मारपीट की। इस मामले में पुलिस ने शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 353,332,186 और 34 के तहत मामला दर्ज किया है। साफतौर पर आरोप आप की विधायिका और उनके पति समेत कार्यकर्ताओं पर लगाए गए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
18 दिसंबर को दूसरा एफआईआर
इसके अलावा 18 दिसंबर को गीता नाम की महिला ने आरके पुरम थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें महिला ने आरोप लगाया है कि मैं 15 दिसंबर को अपने देवर के घर थी। तभी आप विधायिका प्रमिला टोकस अपने कुछ आदमियों के साथ जबरन मेरे घर में आई। एक शख्स घर की वीडियो बनाने लगा और विधायिका का पति धीरज टोकस मुझसे गलत भाषा में बोलने लगा। विधायिका का पति मेरे देवर बलदेव को गाली देने लगा और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल बार बार करता रहा और मेरे देवर को किसी महिला के केस में फंसाने के लिए कहने लगा। पुलिस ने इस मामले में शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 451,509,506 और 34 के तहत मामला दर्ज किया है और जांच जारी है।
दोनों ही मामलो में आप की विधायिका प्रमिला टोकस और उनके पति धीरज टोकस का नाम शिकायत में है, जिसके आधार पर एफआईआर हुई है। कहा जा सकता है कि आप की विधायिका और उनके पति पर दो मामलो में एफआईआर हुई है। एफआईआर की कॉपी दोनों ही मामलों की अटैच है।
15 दिसंबर को पहला एफआईआर
15 दिसंबर को सीपीडब्ल्यूडी के एई जयराम ने आरके पुरम थाने में एफआईआर दर्ज कराई और शिकायत में लिखा कि आरके पुरम में झुग्गियां हटाने का काम शांतिपूर्वक चल रहा था, तभी आप की विधायिका प्रमिला टोकस और उनके पति कार्यकर्ताओ के साथ वहां आ गए और काम को रुकवा दिया और भीड़ को भड़काने लगे जबकि उन्हें बताया गया था कि ये अलाधिकृत है, उनके कार्यकर्ताओं ने मुझे घेर लिया और महिलाओं को मुझे मारने का आदेश दिया। कार्यकर्ताओं ने सरकारी काम में बाधा डाली और मेरे साथ मारपीट की। इस मामले में पुलिस ने शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 353,332,186 और 34 के तहत मामला दर्ज किया है। साफतौर पर आरोप आप की विधायिका और उनके पति समेत कार्यकर्ताओं पर लगाए गए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
18 दिसंबर को दूसरा एफआईआर
इसके अलावा 18 दिसंबर को गीता नाम की महिला ने आरके पुरम थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें महिला ने आरोप लगाया है कि मैं 15 दिसंबर को अपने देवर के घर थी। तभी आप विधायिका प्रमिला टोकस अपने कुछ आदमियों के साथ जबरन मेरे घर में आई। एक शख्स घर की वीडियो बनाने लगा और विधायिका का पति धीरज टोकस मुझसे गलत भाषा में बोलने लगा। विधायिका का पति मेरे देवर बलदेव को गाली देने लगा और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल बार बार करता रहा और मेरे देवर को किसी महिला के केस में फंसाने के लिए कहने लगा। पुलिस ने इस मामले में शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 451,509,506 और 34 के तहत मामला दर्ज किया है और जांच जारी है।
दोनों ही मामलो में आप की विधायिका प्रमिला टोकस और उनके पति धीरज टोकस का नाम शिकायत में है, जिसके आधार पर एफआईआर हुई है। कहा जा सकता है कि आप की विधायिका और उनके पति पर दो मामलो में एफआईआर हुई है। एफआईआर की कॉपी दोनों ही मामलों की अटैच है।
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