नौ पन्नों की चिट्ठी में BSF जवान ने खाने, कपड़े, रहने, और ड्यूटी के घंटों पर सवाल उठाए हैं
खास बातें
- नौ पन्नों की चिट्ठी में BSF जवान ने खाने, कपड़े और ड्यूटी पर सवाल उठाए हैं
- जवान ने कहा, खाने के लिए अलॉट किए गए पैसे दूसरी चीज़ों पर खर्च होते हैं
- जवान का कहना है कि फोर्स में कुछ भी नियमों के मुताबिक नहीं चल रहा है
नई दिल्ली: BSF जवान तेजबहादुर यादव के शिकायती वीडियो का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि एक और BSF जवान की चिट्ठी सामने आई है, जिसने नए सिरे से कई सवाल खड़े कर दिए हैं. नौ पन्नों की यह गोपनीय चिट्ठी केंद्रीय गृहमंत्री को संबोधित कर लिखी गई है, और इस खत में जवान ने खाने से लेकर, कपड़े, रहने की सुविधा, और ड्यूटी के घंटों पर सवाल उठाए हैं.
इस जवान ने लिखा है कि खाने के लिए अलॉट किए गए पैसे खाने पर नहीं, दूसरी चीज़ों पर खर्च किए जाते हैं. उसने यह भी लिखा है कि नियमों के मुताबिक आठ घंटे की ड्यूटी करवाई जानी होती है, लेकिन उन्हें लगातार 20-20 घंटों की ड्यूटी पर तैनात किया जाता है.
जवान ने स्वास्थ्य सुविधाओं का ज़िक्र करते हुए लिखा कि काग़ज़ों पर डॉक्टर नियुक्त रहते हैं, लेकिन वैसे वह सालभर नदारद ही रहते हैं. बीमार जवानों को जिला अस्पताल भेज दिया जाता है. जवान का कहना है कि फोर्स में कुछ भी नियमों के मुताबिक नहीं चल रहा है.
गौरतलब है कि इससे पहले, BSF जवान तेजबहादुर यादव द्वारा खाने को लेकर शिकायत किए जाने के बाद हंगामा मच गया था, जिसके बाद केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि सीमा से लगी सभी पोस्टों पर डाइटीशियन टीमों को भेजने का फैसला किया गया है.