यह ख़बर 25 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

‘गूंगी और बहरी’ सरकार के खिलाफ है आंदोलन : अन्ना

खास बातें

  • अन्ना ने कहा कि य़ह आंदोलन भ्र्ष्टाचार के खिलाफ शहीद लोगों के प्रति सरकार को जागरुक करने के लिए हैं। अन्ना ने कहा कि सरकार संवेदनहीन हो गई है।
नई दिल्ली:

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने रविवार को कहा कि वह ‘गूंगी और बहरी’ सरकार के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन आयोजित करेंगे जो भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वालों को निशाना बनाये जाने पर आंखे मूंदे हुए हैं।

भ्रष्टाचार का भंड़ाफोड़ करने वालों के संरक्षण के लिए कठोर कानून बनाने और दिवंगत आईपीएस अधिकारी नरेन्द्र कुमार के लिए न्याय की मांग के वास्ते एक दिन के उपवास शुरू करने से पहने अन्ना ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करते हुए काफी लोगों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।

उन्होंने आरोप लगाया कि इनमें से कई मामलों के तीन वर्ष गुजर जाने के बावजूद सरकार ने जांच नहीं करायी।

अन्ना ने कहा, ‘उनकी (भ्रष्टाचार का भंड़ाफोड़ करने वालों) माता, बच्चें, पिता, पत्नी न्याय के लिए कराह रहे हैं लेकिन सरकार गूंगी और बहरी हो गई है। उसे लोगों की कराह सुनाई नहीं दे रही है।’ जंतर मंतर पर एक दिन का उपवास शुरू करने से पहले राजघाट जाने से पूर्व अन्ना ने संवाददाताओं से कहा, ‘इसके लिए बड़ा आंदोलन होगा। तब सरकार ध्यान देगी। सरकार ने मनरेगा योजना शुरू की लेकिन ये लोग (भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वाले) इसे बेहतर बनाने की कोशिश में मारे गए।’ अन्ना हजारे के उपवास का आयोजन करने वाले टीम अन्ना ने जन लोकपाल विधेयक को अमलीजामा नहीं पहनाने के लिए सत्तारूढ कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।

टीम अन्ना के अनुसार, 2010 के बाद से भ्रष्टाचार की बुराई को उजागर करने की कोशिश में कम से कम 15 लोग अपना बलिदान दे चुके हैं। इसको ध्यान में रखते हुए भ्रष्टाचार का भंड़ाफोड़ करने वालों की सुरक्षा के लिए मजबूत व्यवस्था बनाये जाने की जरूरत है।
इससे पहले, अन्ना हजारे एक दिन के अनशन पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर बैठेंगे। वह आज सुबह नोएडा से पहले राजघाट गए और वहीं श्रद्धांजलि देने के बाद जंतर मंतर पहुंचे और शाम छह बजे तक  के लिए अनशन आरंभ किया।

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अनशन स्थल पर जस्टिस संतोष हेगड़े भी पहुंचे और उन्होंने अन्ना की टीम में किसी भी तरह के मनमुटाव की खबरों का खंडन किया है।