विजयवाड़ा/नई दिल्ली:
आंध्रप्रदेश 13,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की अनुमानित लागत पर विजयवाड़ा के नजदीक अपनी नई राजधानी बनाने की योजना बना रहा हैं, लेकिन उसे लैंड पूलिंग मुद्दे जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आंध्रप्रदेश सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) और सिंगापुर की एक कंपनी के साथ मिलकर विजयवाड़ा से 80 किलोमीटर दूर, सातवाहन शासकों के सत्ता का केंद्र रही अमरावती को राजधानी बनाना चाहती है।
सरकार किसानों से नई राजधानी के लिए तटीय गुंटूर और कृष्णा जिलों से 33 हजार एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर रही है, जिसमें अधिकतर कृषि योग्य भूमि है। इन जगहों पर नया सचिवालय, विधानसभा और विधानपरिषद समेत एक विधानमंडल, राजभवन और कर्मचारियों के लिए रिहायशी परिसर होगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, राजधानी शहर के लिए अपनी भूमि की पेशकश करने वाले सभी किसानों के साथ करार में नाकाम होने पर सरकार भूमि अधिग्रहण करेगी। अधिकारी ने बताया, 'अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से राजधानी क्षेत्र के निर्माण के लिए करीब दो अरब डॉलर की जरूरत है। यह करीब 80 किलोमीटर क्षेत्र में फैला होगा। अगर भूमि करार मुद्दा नहीं सुलझता तो अन्य चीजों में देरी हो सकती है।'
संपर्क किए जाने पर, राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण आयुक्त श्रीकांत नागुलापल्ली ने निर्माण लागत के बारे में बताने से इंकार कर दिया और कहा कि अब भी इस पर काम हो रहा है।
आंध्रप्रदेश सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) और सिंगापुर की एक कंपनी के साथ मिलकर विजयवाड़ा से 80 किलोमीटर दूर, सातवाहन शासकों के सत्ता का केंद्र रही अमरावती को राजधानी बनाना चाहती है।
सरकार किसानों से नई राजधानी के लिए तटीय गुंटूर और कृष्णा जिलों से 33 हजार एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर रही है, जिसमें अधिकतर कृषि योग्य भूमि है। इन जगहों पर नया सचिवालय, विधानसभा और विधानपरिषद समेत एक विधानमंडल, राजभवन और कर्मचारियों के लिए रिहायशी परिसर होगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, राजधानी शहर के लिए अपनी भूमि की पेशकश करने वाले सभी किसानों के साथ करार में नाकाम होने पर सरकार भूमि अधिग्रहण करेगी। अधिकारी ने बताया, 'अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से राजधानी क्षेत्र के निर्माण के लिए करीब दो अरब डॉलर की जरूरत है। यह करीब 80 किलोमीटर क्षेत्र में फैला होगा। अगर भूमि करार मुद्दा नहीं सुलझता तो अन्य चीजों में देरी हो सकती है।'
संपर्क किए जाने पर, राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण आयुक्त श्रीकांत नागुलापल्ली ने निर्माण लागत के बारे में बताने से इंकार कर दिया और कहा कि अब भी इस पर काम हो रहा है।