आंध्र प्रदेश विधानसभा ने तेलंगाना के गठन से संबंधित बिल को खारिज करने का प्रस्ताव पास कर दिया है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण रेड्डी ने खुद इस बिल को खारिज करने के लिए विधानसभा सभा के सामने प्रस्ताव रखा था। विधानसभा अध्यक्ष एन.मनोहर ने मुख्यमंत्री रेड्डी द्वारा विधेयक को खारिज करने वाले पेश किए गए प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
मुख्यमंत्री ने अपने प्रस्ताव में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से विधेयक को संसद में न भेजे जाने का अनुरोध किया है। इसमें कहा गया है कि राज्य का विभाजन बिना किसी सहमति और वजह से किया जा रहा है और इसमें भाषागत और सांस्कृति समरूपता, आर्थिक और प्रशासनिक व्यावहारिकता की अनदेखी की गई है।
राष्ट्रपति ने आंध्रप्रदेश पुनर्गठन बिल को वापस भेजने की समयसीमा आज तक के लिए बढ़ा दी थी। पहले से ही माना जा रहा था कि बिल को खारिज करने का मुख्यमंत्री का प्रस्ताव बहुमत से पास हो जाएगा, क्योंकि 157 विधायकों ने पहले ही हलफनामा दे रखा था कि वे आंध्र प्रदेश के बंटवारे के खिलाफ हैं।
ऐसे में आंध्रप्रदेश पुनर्गठन बिल को संसद में भेजना राष्ट्रपति के लिए आसान नहीं होगा, जबकि यूपीए सरकार चाहती है कि यह बिल फरवरी में होने वाले संसद सत्र में पास हो जाए।
इस मुद्दे पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण रेड्डी ने एनडीटीवी से कहा कि मौजूदा तेलंगाना बिल में कई खामियां हैं और बिल में राज्य के बंटवारे की वजह नहीं बताई गई है... ड्राफ्ट बिल को विधानसभा में नहीं भेजा जा सकता और अगर मौजूदा बिल पेश हुआ, तो राजनीति छोड़ दूंगा।
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