बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:
लोकसभा में शुक्रवार को विपक्ष की ओर से पेश अविश्वास प्रस्ताव के गिरने से भारतीय जनता पार्टी के आत्मविश्वास में वृद्धि हो गई है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान में विपक्ष को मिली हार 2019 लोकसभा चुनाव की महज एक झलक है और यह मोदी सरकार तथा उसके मंत्र ‘सबका साथ सबका विकास ’ में लोगों के भरोसा को दिखाता है.
अमित शाह ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के नतीजे लोकतंत्र की जीत है और वंशवाद की राजनीति की हार है. शाह ने विपक्ष द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद ट्वीट कर कहा , ‘‘ मोदी सरकार की यह जीत लोकतंत्र की जीत है और वंशवाद की राजनीति की हार है. ’’
यह भी पढ़ें : अविश्वास प्रस्ताव : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सवाल, पीएम नरेंद्र मोदी के जवाब
उन्होंने कहा कि ‘‘वंशवाद की राजनीति, नस्लवाद और तुष्टीकरण ’’ को बढ़ावा देने वाली कांग्रेस की एक बार फिर गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले प्रधानमंत्री को लेकर नफरत उजागर हो गई है. उन्होंने कहा , ‘‘बिना बहुमत और कोई उद्देश्य ना होने पर कांग्रेस पार्टी ने सरकार के खिलाफ उद्देश्यहीन प्रस्ताव लाकर न केवल अपने राजनीतिक दिवालियेपन का परिचय दिया है बल्कि उसने लोकतंत्र को कुचलने के अपने पुराने इतिहास को भी दोहराया है. सरकार के पास देश का पूरा भरोसा है. ’’
VIDEO : लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव गिरा
तेलुगूदेशम पार्टी (टीडीपी) ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर एनडीए सरकार से नाता तोड़ने के बाद उसके खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. टीडीपी के श्रीनिवास केसीनेनी द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव को बुधवार को लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने स्वीकार कर लिया था.
(इनपुट भाषा से)
अमित शाह ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के नतीजे लोकतंत्र की जीत है और वंशवाद की राजनीति की हार है. शाह ने विपक्ष द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद ट्वीट कर कहा , ‘‘ मोदी सरकार की यह जीत लोकतंत्र की जीत है और वंशवाद की राजनीति की हार है. ’’
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उन्होंने कहा कि ‘‘वंशवाद की राजनीति, नस्लवाद और तुष्टीकरण ’’ को बढ़ावा देने वाली कांग्रेस की एक बार फिर गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले प्रधानमंत्री को लेकर नफरत उजागर हो गई है. उन्होंने कहा , ‘‘बिना बहुमत और कोई उद्देश्य ना होने पर कांग्रेस पार्टी ने सरकार के खिलाफ उद्देश्यहीन प्रस्ताव लाकर न केवल अपने राजनीतिक दिवालियेपन का परिचय दिया है बल्कि उसने लोकतंत्र को कुचलने के अपने पुराने इतिहास को भी दोहराया है. सरकार के पास देश का पूरा भरोसा है. ’’
लोकसभा में शुक्रवार को मोदी सरकार के खिलाफ चार साल में लाया गया पहला अविश्वास प्रस्ताव गिर गया. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के खिलाफ टीडीपी और कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों द्वारा लोकसभा में पेश किया गया अविश्वास प्रस्ताव 126 के मुकाबले 325 मतों से गिर गया. अविश्वास प्रस्ताव पर लगभग 12 घंटे की चर्चा के बाद हुए मत-विभाजन में 451 सदस्यों ने हिस्सा लिया जिसमें अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 126 वोट पड़े जबकि विरोध में 325 मत पड़े.जनता के विश्वास में अविश्वास जताने वालों के अहंकार की आज लोकसभा में जो हार हुई है वह 2019 लोकसभा चुनावों के नतीजों की एक झलक मात्र है।"सबका साथ-सबका विकास" के अपने मंत्र के साथ सेवार्थ मोदी सरकार में न सिर्फ सदन के सहयोगियों का विश्वास है बल्कि देश की जनता का भी पूर्ण विश्वास है। pic.twitter.com/C9wsIbeiSa
— Amit Shah (@AmitShah) July 20, 2018
VIDEO : लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव गिरा
तेलुगूदेशम पार्टी (टीडीपी) ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर एनडीए सरकार से नाता तोड़ने के बाद उसके खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. टीडीपी के श्रीनिवास केसीनेनी द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव को बुधवार को लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने स्वीकार कर लिया था.
(इनपुट भाषा से)
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