नई दिल्ली:
लेह जिले के डेमचेक इलाके में भारतीय जवानों और चीनी सैनिकों में तनाव की खबरों के बीच भारतीय वायु सेना ने C-17 ग्लोबमास्टर विमान चीन सीमा से महज 30 किलोमीटर दूर उतार दिया.
इस एयरक्राफ्ट को अरुणाचल प्रदेश के मेचुका में लैंड कराने में सफलता मिली जो कि लद्दाख से 3500 किमी दूर है. ग्लोबमास्टर की ये लैंडिंग सिर्फ 4200 फीट के एरिया में कराई गई है जो कि ऊंचे इलाकों में एयरफोर्स की सामरिक ताकत के परीक्षण को प्रदर्शित करता है. मेचुका अरुणाचल प्रदेश में पश्चिम सियांग जिले में स्थित है. इस इलाके से ट्रेन या हवाई यात्रा के लिए पहले सड़क से डिब्रूगढ़ तक का 500 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है.
ये भी पढ़ें (लद्दाख में नहर परियोजना के निर्माण को लेकर भारतीय जवान और चीनी सैनिक आमने-सामने)
एयरफोर्स का कहना है कि ऐसे ऊंचे और दुरुह क्षेत्रों में सी-17 की लैंडिंग से इन इलाकों में लोगों को और सामानों को जल्द पहुंचाने में मदद मिलेगी. किसी आपदा की स्थिति में राहत को जल्द और ज्यादा मात्रा में पहुंचाया जा सकेगा. भारत, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में मेचुका जैसे कई लैंडिंग ग्राउंड विकसित कर रहा है.
गौरतलब है कि बुधवार को लेह जिले के डेमचेक इलाके में नहर सिंचाई परियोजना के तहत हो रहे निर्माण कार्य को भारतीय सीमा में घुसकर चीनी सैनिकों ने रुकवा दिया था. हालांकि भारतीय जवानों ने इस कार्रवाई का प्रतिरोध किया था.
खबरों के मुताबिक, चीनी सेना के 55 जवान डेमचोक सेक्टर में घुए आए. भारतीय सीमा में घुसने के बाद चीनी सैनिकों ने वहां मनरेगा के तहत चल रहे रोड बनाने के काम को जबर्दस्ती रुकवा दिया. चीनी सैनिकों के भारतीय सीमा घुसने की खबर जैसे आईटीबीपी के जवानों को लगी 70 जवान मौके पर पहुंच गए.
इस एयरक्राफ्ट को अरुणाचल प्रदेश के मेचुका में लैंड कराने में सफलता मिली जो कि लद्दाख से 3500 किमी दूर है. ग्लोबमास्टर की ये लैंडिंग सिर्फ 4200 फीट के एरिया में कराई गई है जो कि ऊंचे इलाकों में एयरफोर्स की सामरिक ताकत के परीक्षण को प्रदर्शित करता है. मेचुका अरुणाचल प्रदेश में पश्चिम सियांग जिले में स्थित है. इस इलाके से ट्रेन या हवाई यात्रा के लिए पहले सड़क से डिब्रूगढ़ तक का 500 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है.
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एयरफोर्स का कहना है कि ऐसे ऊंचे और दुरुह क्षेत्रों में सी-17 की लैंडिंग से इन इलाकों में लोगों को और सामानों को जल्द पहुंचाने में मदद मिलेगी. किसी आपदा की स्थिति में राहत को जल्द और ज्यादा मात्रा में पहुंचाया जा सकेगा. भारत, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में मेचुका जैसे कई लैंडिंग ग्राउंड विकसित कर रहा है.
गौरतलब है कि बुधवार को लेह जिले के डेमचेक इलाके में नहर सिंचाई परियोजना के तहत हो रहे निर्माण कार्य को भारतीय सीमा में घुसकर चीनी सैनिकों ने रुकवा दिया था. हालांकि भारतीय जवानों ने इस कार्रवाई का प्रतिरोध किया था.
खबरों के मुताबिक, चीनी सेना के 55 जवान डेमचोक सेक्टर में घुए आए. भारतीय सीमा में घुसने के बाद चीनी सैनिकों ने वहां मनरेगा के तहत चल रहे रोड बनाने के काम को जबर्दस्ती रुकवा दिया. चीनी सैनिकों के भारतीय सीमा घुसने की खबर जैसे आईटीबीपी के जवानों को लगी 70 जवान मौके पर पहुंच गए.
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