New Delhi:
पीएसी की मसौदा रिपोर्ट संसदीय समिति द्वारा अपनाए जाने और लोकसभा अध्यक्ष को सौंपने से पहले ही लीक होने को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने कहा कि वह इस बात का पता लगाएगी कि ऐसा कैसे संभव हुआ। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कहा, हम इस बात का पता लगाएंगे। सोनी ने हालांकि, रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी करने से यह कहकर इनकार कर दिया कि ऐसा करना अवमानना के दायरे में आएगा। इस रिपोर्ट में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में बरती गई कथित अनियमिताओं के लिए प्रधानमंत्री और उनके कार्यालय को दोषी बताया गया है। उन्होंने कहा, पीएसी की रिपोर्ट मीडिया तक पंहुच गई है। मेरे पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि ऐसा कैसे हुआ। जब तक इसे आधिकारिक रूप से पेश नहीं किया जाता है, आप मुझसे इस पर टिप्पणी की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। मुझे रिपोर्ट की कोई जानकारी नहीं है। सोनी ने कहा, इसके अलावा जब तक पीएसी के सभी सदस्य रिपोर्ट पर सहमत नहीं होते हैं, एक केंद्रीय मंत्री के लिए उस पर टिप्पणी करना उचित नहीं है। रिपोर्ट को लेकर समिति के सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष के सदस्यों के बीच मतभेद के संबंध में उन्होंने कहा कि पीएसी एक संसदीय समिति है और उसके सदस्यों ने अपने विचार दिए हैं। उन्होंने कहा कि अगर मतभेद हैं, तो उस पर चर्चा होगी। यह लोकतंत्र की बुनियादी बात है। इससे पहले भी समितियों में मतभेद हुए हैं और उन्हें सुलझाया गया है। रिपोर्ट को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में आरोप प्रत्यारोप का दौर बढ़ गया है। समिति के कांग्रेस और द्रमुक सदस्यों ने इसे राजनीतिक रिपोर्ट बताते हुए पीएसी अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी से इस पद से इस्तीफे की मांग की है।
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