महू में रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी
महू (मध्यप्रदेश):
जातिवाद को देश की कड़वी सचाई बताते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर का जातिवाद खत्म करने का सपना आज भी अधूरा है और कुछ विभाजनकारी विचारधाराए जातिवाद की दीवारों को मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं।
राहुल ने अम्बेडकर की वर्ष 2016 में मनाई जाने वाली 125 वीं जयन्ती के मद्देनजर कांग्रेस के वर्षभर चलने वाले कार्यक्रमों की यहां औपचारिक शुरुआत की। उन्होंने इस मौके पर अम्बेडकर जन्म स्थली के स्वर्ग मंदिर मैदान पर आयोजित आम सभा में 'जय भीम' के नारे से अपने उद्बोधन की शुरुआत की।
राहुल ने कहा, 'देश में संविधान को लागू हुए 65 साल हो गए हैं लेकिन अम्बेडकर का जातिवाद खत्म करने का सपना आज भी अधूरा है। जातिवाद आज भी हमारी राजनीति, हमारे स्कूलों और हमारे दिमाग में बसा है। जाति आपको स्कूलों में अच्छी शिक्षा पाने और नौकरी हासिल करने से रोक सकती है।'
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने जातिवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने का आह्वान करते हुए कहा, अम्बेडकर बहुत पहले कह चुके थे कि सत्ता का विकेंद्रीकरण जातिवाद को कमजोर करता है।'
राहुल ने कहा, 'भारत को विकास की राह पर आगे बढ़ाने के लिए हमें रोजगार और बुनियादी ढांचे की जरुरत है, लेकिन जब तक कुछ लोगों को उनके अधिकार से दूर रखा जाएगा, तब तक देश अपनी पूरी क्षमता हासिल नहीं कर सकता।'
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने संविधान निर्माता को उनकी जन्मस्थली पर याद करते हुए कहा कि अम्बेडकर के योगदान को देश और जाति की सीमाओं में नहीं बांधा सकता। अम्बेडकर ने दलितों के हित में बहुत काम किए, लेकिन वह सिर्फ दलितों के नेता नहीं थे।
उन्होंने कहा, 'अम्बेडकर दलितों और समाज के कमजोर लोगों के जीवन में रोशनी लेकर आए थे, उन्होंने जातिवाद की हजारों साल पुरानी दीवार पर जबर्दस्त चोट की। वह अत्याचार के खिलाफ विरोध के वैश्विक प्रतीक थे। महिलाओं और मजदूरों को अधिकार संपन्न बनाने और रिजर्व बैंक आफ इंडिया की स्थापना में भी उनका बड़ा योगदान था।'
राहुल ने कहा, 'अम्बेडकर ने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मौलाना आजाद के साथ मिलकर स्वतंत्र भारत की नींव रखी। अम्बेडकर रचित संविधान से मिले एक व्यक्ति, एक वोट के अधिकार ने हमेशा के लिए भारतीय समाज को बदल दिया।'
राहुल ने अम्बेडकर की वर्ष 2016 में मनाई जाने वाली 125 वीं जयन्ती के मद्देनजर कांग्रेस के वर्षभर चलने वाले कार्यक्रमों की यहां औपचारिक शुरुआत की। उन्होंने इस मौके पर अम्बेडकर जन्म स्थली के स्वर्ग मंदिर मैदान पर आयोजित आम सभा में 'जय भीम' के नारे से अपने उद्बोधन की शुरुआत की।
राहुल ने कहा, 'देश में संविधान को लागू हुए 65 साल हो गए हैं लेकिन अम्बेडकर का जातिवाद खत्म करने का सपना आज भी अधूरा है। जातिवाद आज भी हमारी राजनीति, हमारे स्कूलों और हमारे दिमाग में बसा है। जाति आपको स्कूलों में अच्छी शिक्षा पाने और नौकरी हासिल करने से रोक सकती है।'
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने जातिवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने का आह्वान करते हुए कहा, अम्बेडकर बहुत पहले कह चुके थे कि सत्ता का विकेंद्रीकरण जातिवाद को कमजोर करता है।'
राहुल ने कहा, 'भारत को विकास की राह पर आगे बढ़ाने के लिए हमें रोजगार और बुनियादी ढांचे की जरुरत है, लेकिन जब तक कुछ लोगों को उनके अधिकार से दूर रखा जाएगा, तब तक देश अपनी पूरी क्षमता हासिल नहीं कर सकता।'
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने संविधान निर्माता को उनकी जन्मस्थली पर याद करते हुए कहा कि अम्बेडकर के योगदान को देश और जाति की सीमाओं में नहीं बांधा सकता। अम्बेडकर ने दलितों के हित में बहुत काम किए, लेकिन वह सिर्फ दलितों के नेता नहीं थे।
उन्होंने कहा, 'अम्बेडकर दलितों और समाज के कमजोर लोगों के जीवन में रोशनी लेकर आए थे, उन्होंने जातिवाद की हजारों साल पुरानी दीवार पर जबर्दस्त चोट की। वह अत्याचार के खिलाफ विरोध के वैश्विक प्रतीक थे। महिलाओं और मजदूरों को अधिकार संपन्न बनाने और रिजर्व बैंक आफ इंडिया की स्थापना में भी उनका बड़ा योगदान था।'
राहुल ने कहा, 'अम्बेडकर ने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मौलाना आजाद के साथ मिलकर स्वतंत्र भारत की नींव रखी। अम्बेडकर रचित संविधान से मिले एक व्यक्ति, एक वोट के अधिकार ने हमेशा के लिए भारतीय समाज को बदल दिया।'
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