विज्ञापन
This Article is From Nov 25, 2020

पंजाब : लंच पर मिले सीएम अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू, कैबिनेट में फिर मिल सकता है स्‍थान..

इस मुलाकात के बाद इन चर्चाओं को बल मिला है कि क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू को राज्‍य की कैबिनेट में फिर से स्‍थान मिल सकता है.

अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू की मुलाकात के बाद अटकलों का दौर शुरू हो गया है

चंडीगढ़:

सियासी तौर पर एक ही पार्टी में रहते हुए भी धुर विरोधी और आलोचक माने जाने वाले पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) और नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Sidhu) बुधवार को लंच पर एक-दूसरे से मिले. इस मुलाकात के बाद इन चर्चाओं को बल मिला है कि क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू को राज्‍य की कैबिनेट में फिर से स्‍थान मिल सकता है. सीएम अमरिंदर सिंह का मानना था कि सिर्फ तीन साल पहले ही बीजेपी से कांग्रेस में आए नवजोत सिद्धू को अभी राज्‍य कांग्रेस अध्‍यक्ष पद नहीं दिया जा सकता. 

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, 'पंजाब के लोग‘‘गौरव और पगड़ी'' पर वार बर्दाश्त नहीं करेंगे'

अमरिंदर सिंह की 'कप्‍तानी' वाली पंजाब सरकार में सिद्धू मंत्री बनाए गए थे थे लेनि उन्‍होंने पिछले साल पद छोड़ दिया था और स्‍वनिर्वासन (self-imposed exile) में चले गए थे. मुख्यमंत्री अमरिंदर ने पिछले साल मई में सिद्धू पर स्थानीय सरकार विभाग को ‘‘सही तरीके से नहीं संभाल'' पाने का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि इसके कारण 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने शहरी इलाकों में ‘‘खराब प्रदर्शन'' किया. इसके बाद से दोनों नेताओं के संबंधों में तनाव पैदा हो गया था. मंत्रिमंडल में फेरबदल के दौरान सिद्धू से अहम विभाग ले लिए गए थे, जिसके बाद उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था और वह कांग्रेस की सभी गतिविधियों से दूर हो गए थे. मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार के अनुसार, दोनों नेताओं ने यहां अमरिंदर सिंह के आवास पर करीब एक घंटा साथ बिताया और विभिन्न मामलों पर विचार साझे किए. मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार ने ट्वीट किया, ‘‘मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू ने मध्याह्न भोजन पर सौहार्दपूर्ण मुलाकात की, जिसमें पंजाब और राष्ट्रीय हितों के अहम राजनीतिक मामलों पर चर्चा की गई. दोनों नेताओं ने करीब एक घंटे तक साथ बिताए समय के दौरान अहम मामलों पर विचार साझा किए.''

गौरतलब है क‍ि पंजाब के इन दोनों प्रमुख नेताओं क बीच मतभेद को पार्टी के लिए बड़ी अड़चन के रूप में देखा जा रहा है. खासतौर पर तब, जब पंजाब में विधानसभा चुनाव होने में केवल दो ही वर्ष शेष हैं. वैसे भी, देश में कांग्रेस शासित राज्‍यों की संख्‍या गिनीचुनी ही रह गई है. सिद्धू किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर काफी मुखर रहे हैं और उनकी कुछ आलोचनाएं, अपने ही राज्‍य की, अपनी ही पार्टी की सरकार को केंद्र में रखकर थीं. ऐसे में पार्टी के दोनों नेताओं के बीच की दूरी को 'पाटने' का प्रयास किया गया है. शीर्ष नेतृत्‍व की ओर से उत्‍तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत को राज्‍य में पार्टी प्रभारी बनाया गया है और उनके हस्‍तक्षेप के बाद दोनों नेताओं के बीच तालमेल बैठाने की कोशिश की गई है. गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से सिद्धू ने सीएम अमरिंदर की आलोचना से परहेज किया है. यही नहीं, उन्‍होंने किसान कानून के मुद्दे पर अमरिंदर के दिल्‍ली में विरोध मार्च का भी समर्थन ‍किया था. (भाषा से भी इनपूट )

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com