नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण को बदनाम करने के उद्देश्य से उनका एक फर्जी वीडियो चैट सोशल मीडिया पर वायरल करने के मामले में डीजीपी के आदेश पर जांच के आदेश दे दिए गए हैं. इस पूरे मामले की जांच हापुड़ के एसपी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इस मामले में बुधवार रात एसएसपी वैभव कृष्ण ने अचानक प्रेस वार्ता बुलाकर बताया कि ये तीनों वीडियो क्लिप फेक हैं और इसमें उनकी तस्वीर को एडिट करके डाला गया है. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने साज़िश के तहत उन्हें बदनाम करने के लिए ऐसा किया है क्योंकि उन्होंने कुछ दिन पहले शासन को इन्हीं लोगों से जुड़ी एक रिपोर्ट भेजी थी जिसमें कई लोगों के खिलाफ नोएडा में दलाली, वसूली के आरोप हैं. हालांकि एसएसपी वैभव कृष्ण ने यह नहीं बताया कि इस रिपोर्ट में किसका नाम उन्होंने लिया है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में कई आईपीएस अधिकारी और पत्रकारों के नाम हैं.
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वैभव कृष्ण ने कहा कि इस मामले में उन्होंने थाना सेक्टर 20 में अज्ञात लोगों के खिलाफ आईटी एक्ट और विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कराया है. एसएसपी ने कहा कि उन्होंने आईजी जोन से निवेदन किया है कि उक्त मामले की जांच जनपद गौतम बुद्ध नगर के अलावा किसी अन्य जनपद की पुलिस से कराई जाए. वैभव कृष्ण ने कहा कि विगत एक साल के अपने कार्यकाल में उन्होंने संगठित अपराध और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. उन्होंने बताया कि एक माह पूर्व उनके द्वारा उत्तर प्रदेश शासन को एक अति संवेदनशील रिपोर्ट भेजी गई है, जिसमें एक संगठित गिरोह के बारे में अवगत कराया गया है. नोएडा के एसएसपी ने कहा कि ये लोग जनपद में गौतम बुद्ध नगर और उत्तर प्रदेश के अन्य जनपदों में एक संगठित गिरोह बनाकर ठेके दिलवाने, तबादला कराने तथा अपराधिक कृत्य कराने का गिरोह चला रहे हैं. एसएसपी ने कहा कि उन्हें आशंका है कि इसी गैंग से संबंधित लोगों ने उनकी छवि खराब करने के लिए इस तरह का ‘ड्राफ्टेड वीडियो' बनाया है.
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