Mumbai:
मुंबई के आदर्श घोटाला मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। महाराष्ट्र के निलंबित सूचना आयुक्त और आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला के आरोपी रामानंद तिवारी ने इस मामले में विलासराव देशमुख पर संगीन आरोप लगाए हैं। उन्होंने मामले की जांच कर रहे जुडिशियल कमीशन के सामने कहा है कि आदर्श इमारत से जुड़े सभी प्रस्तावों को पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने खुद मंजूरी दी थी। तिवारी ने दो सदस्यीय जांच आयोग में दाखिल किए अपने हलफनामे में कहा है कि आदर्श सोसायटी से जुड़े सभी प्रस्तावों पर वही प्रक्रिया अपनाई गई, जो बाकी मामलों में अपनाई गई थी और उन्हें संबंधित विभाग के मंत्री को भेजा गया था। हलफनामे में कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री विलास राव देशमुख के पास तब शहरी विकास विभाग भी था। बेस्ट के लिए आरक्षित जमीन को आवासीय श्रेणी में लाने के लिए सोसायटी का प्रस्ताव देशमुख के पास भेजा गया था, जिसके बाद ही मार्च, 2006 में एक अधिसूचना जारी की गई, जिसमें बेस्ट की जमीन का रिजर्वेशन खत्म कर दिया गया।
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