
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सर संघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर.
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
सर संघचालक ने कहा- हम एक देश की संतान हैं, भाई-भाई जैसे रहें
सब अपने हैं, दूर गए तो उन्हें जोड़ना है
संघ अल्पसंख्यक शब्द पर असहमत, इसको नहीं मानता
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तीन दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला के अंतिम दिन सवालों के जवाब देते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कई मुद्दों पर विचार रखे. इसी दौरान सवाल किया गया कि - 'बंच ऑफ थॉट्स' में मुस्लिम समाज को शत्रु के रूप मे संबोधित किया गया है. क्या संघ इन विचारों से सहमत है. संघ को लेकर मुस्लिम समाज में जो भय है वह उसे कैसे दूर करेगा?
यह भी पढ़ें : मोहन भागवत बोले- नागपुर से सरकार को नहीं करते कॉल, कई नेता हमसे वरिष्ठ और अनुभवी
उक्त सवाल के जवाब में भागवत ने कहा, अरे भाई हम एक देश की संतान हैं, भाई-भाई जैसे रहें. इसलिए संघ का अल्पसंख्यक शब्द को लेकर रिज़र्वेशन है. संघ इसको नहीं मानता. सब अपने हैं, दूर गए तो जोड़ना है. अब रही बात 'बंच ऑफ थॉट्स' की, तो बातें जो बोली जाती हैं वे परिस्थिति विशेष, प्रसंग विशेष के संदर्भ में बोली जाती हैं. वे शाश्वत नहीं रहतीं.
यह भी पढ़ें : आरक्षण जारी रहना चाहिए, भारत में कोई पराया नहीं : मोहन भागवत
उन्होंने कहा कि एक बात यह है कि गुरुजी (गोलवलकर) के जो शाश्वत विचार हैं, उनका एक संकलन प्रसिद्ध हुआ है- 'श्री गुरुजी विजन और मिशन,' उसमें तात्कालिक सन्दर्भ वाली सारी बातें हमने हटाकर उनके जो सदा काल के लिए उपयुक्त विचार हैं उन्हें हमने लिया है. संघ बंद संगठन नहीं है कि हेडगेवर जी ने कुछ वाक्य बोल दिए, हम उन्हीं को लेकर चलने वाले हैं. समय के साथ चीज़ें बदलती हैं.
VIDEO : संविधान सम्मत आरक्षण का समर्थन
गुरुजी के नाम से प्रसिद्ध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सर संघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर की पुस्तक 'बंच ऑफ थॉट्स' में मुस्लिम समाज को शत्रु के रूप में संबोधित किया गया है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं