यह ख़बर 16 अप्रैल, 2012 को प्रकाशित हुई थी

बथानी नरसंहार कांड के सभी दोषी बरी

खास बातें

  • पटना उच्च न्यायालय ने सोमवार को भोजपुर जिले के बथानी टोला गांव में वर्ष 1996 में 21 लोगों के नरसंहार के चर्चित मामले में निचली अदालत द्वारा दोषी करार दिए गए 23 लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
पटना:

पटना उच्च न्यायालय ने सोमवार को भोजपुर जिले के बथानी टोला गांव में वर्ष 1996 में 21 लोगों के नरसंहार के चर्चित मामले में निचली अदालत द्वारा दोषी करार दिए गए 23 लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।

इस नरसंहार में 21 लोगों, जिनमें अधिकांश बच्चे और महिलाएं शामिल हैं, को मार दिया गया था। उच्च जातीय संगठन रणबीर सेना के सदस्यों पर इस घटना को अंजाम देने का आरोप लगा था।

पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति नवनीति प्रसाद सिंह और न्यायमूर्ति एके सिंह की एक पीठ ने निचली अदालत के 12 मई 2010 को दिए गए फैसले को रद्द करते हुए दोषी लोगों को बरी किया।

इस मामले में तीन के खिलाफ मौत की सजा सुनाई गई थी जबकि 20 को आजीवन कारावास की सजा हुई। अदालत के अधिकारी ने कहा, "उच्च न्यायालय ने सबूतों के अभाव में 23 लोगों को बरी कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में जो आरोप पत्र दाखिल किया था, उसके समर्थन में वह सबूत पेश नहीं कर सकी।"

इस मामले में पुलिस ने 63 आरोपियों के खिलाफ निचली अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।  

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गौरतलब है किबथानी टोला गांव, भोजपुर जिले के सहार प्रखण्ड में है। रणवीर सेना ने इस गांव में 11 जुलाई 1996 को दो बजे तड़के हमला करके 21 लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी। मारे गए लोगों में से अधिकांश गरीब दलित और मुसलमान शामिल थे।