नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से यहां मुलाकात कर राज्य के विकास से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने राज्य से जुड़े केंद्रीय परियोजनाओं के लिए शीघ्र धन जारी करने का अनुरोध किया।
सूत्रों ने हालांकि सात रेसकोर्स मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास पर हुई इस मुलाकात को सद्भावना मुलाकात बताया है लेकिन अखिलेश अपेक्षाओं की एक लम्बी सूची के साथ प्रधानमंत्री से मिलने गए थे।
अखिलेश (38 वर्ष) ने एक महीने पहले ही उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
अखिलेश ने पत्रकारों से बताया, "हमने राज्य के लिए किसी विशेष पैकेज की मांग नहीं की। उत्तर प्रदेश से जुड़े मनरेगा, सड़क, कोयले की कमी से जुड़ी समस्या, कुम्भ मेला एवं गंगा की सफाई से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई"
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अपेक्षाओं की इस सूची में स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, भूतल परिवहन, पेय जल, बाढ़ नियंत्रण और छात्र कल्याण जैसी केंद्र प्रायोजित विभिन्न परियोजनाओं के लिए सहायता और जल्द कोष जारी करने की बातें शामिल थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुलाकात के दौरान बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल एवं बाढ़ नियंत्रण से सम्बधित लम्बित पड़ी केंद्रीय परियोजनाओं के लिए शीघ्र धन राशि जारी करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने हमें आश्वस्त किया कि राज्य की सभी योजनाओं के लिए धन आवंटित किए जाएंगे।"
मुख्यमंत्री ने इलाहाबाद में आयोजित होने वाले कुम्भ मेले की तैयारियों के बारे में भी प्रधानमंत्री को जानकारी दी और इस धार्मिक आयोजन में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए भी केंद्र सरकार से आग्रह किया।
अखिलेश ने मनमोहन सिंह को बताया कि उनकी सरकार ने खास संशोधन किए हैं और राज्य को विकास व आर्थिक वृद्धि के मार्ग पर वापस लाने की अपनी सर्वोत्तम कोशिश कर रही है।
अखिलेश ने प्रधानमंत्री से कहा कि कृषि, राज्य की समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने बिजली क्षेत्र में मदद का आग्रह किया, जो कि कृषि क्षेत्र की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।
सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मनमोहन सिंह को बताया कि योजना आयोग ने बुंदेलखण्ड और पूर्वाचल के विकास के लिए जो धन उपलब्ध कराया है, वह अपर्याप्त है और उन्होंने धनराशि बढ़ाए जाने की मांग की।
अखिलेश ने इसके अलावा उत्तर प्रदेश के सात पूर्वी जिलों में जापानी दिमागी बुखार के प्रकोप से लड़ने में भी मदद मांगी। अखिलेश की अपेक्षाओं को सुनने के बाद प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश को यथासम्भव हरतरह की मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने विद्युत उपलब्धता पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री से कहा कि वर्तमान में लगभग 2000 मेगावाट बिजली की कमी है। कोयले की कमी के कारण निजी क्षेत्र की विद्युत परियोजनाओं में क्षमता के अनुरूप उत्पादन नहीं हो रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप ग्रिड से अतिरिक्त बिजली लेनी पड़ती है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से इस प्रकरण में विद्युत मंत्रालय को आवश्यक निर्देश देने की मांग की।
मुख्यमंत्री ने भगवान बुद्घ से जुड़े महत्वपूर्ण स्थलों सारनाथ, श्रावस्ती, कुशीनगर और कपिलवस्तु की तरफ प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि इन स्थलों को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। उन्होंने इन स्थलों के समुचित विकास के लिए आवश्यक धन मुहैया कराए जाने की मांग की।
सूत्रों ने हालांकि सात रेसकोर्स मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास पर हुई इस मुलाकात को सद्भावना मुलाकात बताया है लेकिन अखिलेश अपेक्षाओं की एक लम्बी सूची के साथ प्रधानमंत्री से मिलने गए थे।
अखिलेश (38 वर्ष) ने एक महीने पहले ही उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
अखिलेश ने पत्रकारों से बताया, "हमने राज्य के लिए किसी विशेष पैकेज की मांग नहीं की। उत्तर प्रदेश से जुड़े मनरेगा, सड़क, कोयले की कमी से जुड़ी समस्या, कुम्भ मेला एवं गंगा की सफाई से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई"
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अपेक्षाओं की इस सूची में स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, भूतल परिवहन, पेय जल, बाढ़ नियंत्रण और छात्र कल्याण जैसी केंद्र प्रायोजित विभिन्न परियोजनाओं के लिए सहायता और जल्द कोष जारी करने की बातें शामिल थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुलाकात के दौरान बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल एवं बाढ़ नियंत्रण से सम्बधित लम्बित पड़ी केंद्रीय परियोजनाओं के लिए शीघ्र धन राशि जारी करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने हमें आश्वस्त किया कि राज्य की सभी योजनाओं के लिए धन आवंटित किए जाएंगे।"
मुख्यमंत्री ने इलाहाबाद में आयोजित होने वाले कुम्भ मेले की तैयारियों के बारे में भी प्रधानमंत्री को जानकारी दी और इस धार्मिक आयोजन में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए भी केंद्र सरकार से आग्रह किया।
अखिलेश ने मनमोहन सिंह को बताया कि उनकी सरकार ने खास संशोधन किए हैं और राज्य को विकास व आर्थिक वृद्धि के मार्ग पर वापस लाने की अपनी सर्वोत्तम कोशिश कर रही है।
अखिलेश ने प्रधानमंत्री से कहा कि कृषि, राज्य की समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने बिजली क्षेत्र में मदद का आग्रह किया, जो कि कृषि क्षेत्र की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।
सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मनमोहन सिंह को बताया कि योजना आयोग ने बुंदेलखण्ड और पूर्वाचल के विकास के लिए जो धन उपलब्ध कराया है, वह अपर्याप्त है और उन्होंने धनराशि बढ़ाए जाने की मांग की।
अखिलेश ने इसके अलावा उत्तर प्रदेश के सात पूर्वी जिलों में जापानी दिमागी बुखार के प्रकोप से लड़ने में भी मदद मांगी। अखिलेश की अपेक्षाओं को सुनने के बाद प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश को यथासम्भव हरतरह की मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने विद्युत उपलब्धता पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री से कहा कि वर्तमान में लगभग 2000 मेगावाट बिजली की कमी है। कोयले की कमी के कारण निजी क्षेत्र की विद्युत परियोजनाओं में क्षमता के अनुरूप उत्पादन नहीं हो रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप ग्रिड से अतिरिक्त बिजली लेनी पड़ती है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से इस प्रकरण में विद्युत मंत्रालय को आवश्यक निर्देश देने की मांग की।
मुख्यमंत्री ने भगवान बुद्घ से जुड़े महत्वपूर्ण स्थलों सारनाथ, श्रावस्ती, कुशीनगर और कपिलवस्तु की तरफ प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि इन स्थलों को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। उन्होंने इन स्थलों के समुचित विकास के लिए आवश्यक धन मुहैया कराए जाने की मांग की।
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