कोलकाता:
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तीसरा मोर्चा खड़ा करने की कवायद में जुटी समाजवादी पार्टी (सपा) ने बुधवार को जहां संकेत दिया कि वह तृणमूल कांग्रेस की बजाय वाम दलों को साथ लेकर चलना पसंद करेगी वहीं उसी दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की।
ममता से मुलाकात के बाद अखिलेश ने संवाददाताओं से कहा, 'समय देने के लिए मैं दीदी को धन्यवाद देता हूं। यह अच्छा नहीं लगता कि हम कोलकाता आएं और उनसे मिले नहीं। लम्बे संघर्ष के बाद वह सत्ता में आई हैं और उनकी सरकार जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप काम कर रही है।'
उधर, ममता ने कहा, 'मैं अखिलेश को धन्यवाद देती हूं कि वह समय निकालकर मुझसे मिलने आए। हमने कई मुद्दों पर चर्चा की। दोनों राज्यों ने कौन-कौन सी नई योजनाएं चलाई हैं, उस पर हमने आपस में अपने अनुभव बांटे। दोनों ही सरकारें अच्छा काम कर रही हैं।'
अखिलेश सपा सांसद किरणमय नंदा के साथ ममता से मिलने गए थे।
इससे पहले दिन में सपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक के पहले दिन महासचिव मोहन सिंह ने तीसरे मोर्चे के बारे में कहा, 'तृणमूल कांग्रेस महत्वपूर्ण क्षेत्रीय पार्टी है। जब हम अन्य दलों से बात करेंगे तो तृणमूल से भी बात करनी हमारी बाध्यता होगी।' उन्होंने कहा, 'लेकिन समस्या यह है कि हमारे वाम दलों से पारम्परिक संबंध रहे हैं। बुरे दिनों में हमें हरकिशन सिंह सुरजीत और ज्योति बसु का साथ मिला।'
ममता से मुलाकात के बाद अखिलेश ने संवाददाताओं से कहा, 'समय देने के लिए मैं दीदी को धन्यवाद देता हूं। यह अच्छा नहीं लगता कि हम कोलकाता आएं और उनसे मिले नहीं। लम्बे संघर्ष के बाद वह सत्ता में आई हैं और उनकी सरकार जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप काम कर रही है।'
उधर, ममता ने कहा, 'मैं अखिलेश को धन्यवाद देती हूं कि वह समय निकालकर मुझसे मिलने आए। हमने कई मुद्दों पर चर्चा की। दोनों राज्यों ने कौन-कौन सी नई योजनाएं चलाई हैं, उस पर हमने आपस में अपने अनुभव बांटे। दोनों ही सरकारें अच्छा काम कर रही हैं।'
अखिलेश सपा सांसद किरणमय नंदा के साथ ममता से मिलने गए थे।
इससे पहले दिन में सपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक के पहले दिन महासचिव मोहन सिंह ने तीसरे मोर्चे के बारे में कहा, 'तृणमूल कांग्रेस महत्वपूर्ण क्षेत्रीय पार्टी है। जब हम अन्य दलों से बात करेंगे तो तृणमूल से भी बात करनी हमारी बाध्यता होगी।' उन्होंने कहा, 'लेकिन समस्या यह है कि हमारे वाम दलों से पारम्परिक संबंध रहे हैं। बुरे दिनों में हमें हरकिशन सिंह सुरजीत और ज्योति बसु का साथ मिला।'
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