विज्ञापन
This Article is From Oct 15, 2019

अकाल तख्त प्रमुख ने RSS पर बैन लगाने की रखी मांग, कहा- यह तो देश को...

अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अमृतसर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हां, इसे प्रतिबंधित कर देना चाहिए. मुझे लगता है कि RSS जिस तरह से काम कर रहा है उससे वह देश में भेदभाव की एक नई लकीर खींच देगा.

अकाल तख्त प्रमुख ने RSS पर बैन लगाने की रखी मांग, कहा- यह तो देश को...
अकाल दल का आरएसएस पर बड़ा बयान
नई दिल्ली:

अकाल तख्त प्रमुख (जत्थेदार) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. उन्होंने सोमवार को कहा कि RSS जिस तरह से काम कर रहा है, उससे इतना तो साफ है कि यह देश को बांट देगा. अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अमृतसर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हां, इसे प्रतिबंधित कर देना चाहिए. मुझे लगता है कि RSS जिस तरह से काम कर रहा है उससे वह देश में भेदभाव की एक नई लकीर खींच देगा. जब अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से बताया गया कि बीजेपी तो खुद RSS मानती है, इसपर उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो यह देश के लिए अच्छा नहीं है.यह देश को नुकसान पहुंचाएगा और उसे तबाह कर देगा. 

RSS प्रमुख भागवत ने घोषणा की, 'भारत हिंदू राष्ट्र है', कहा- जो भारत भूमि की भक्ति करता है, वह हिन्दू

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही संघ संचालक मोहन भागवत ने देश में हो रही मॉब लिंचिंग की अलग-अलग घटनाओं को लेकर एक बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि ‘भीड़ हत्या' (लिंचिंग) पश्चिमी तरीका है और देश को बदनाम करने के लिए भारत के संदर्भ में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. बता दें कि विजयदशमी के मौके पर यहां के रेशमीबाग मैदान में ‘शस्त्र पूजा' के बाद स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने  यह बात कही थी. उन्होंने कहा था कि 'लिंचिंग' शब्द की उत्पत्ति भारतीय लोकाचार से नहीं हुई, ऐसे शब्द को भारतीयों पर ना थोपा जाए. इस दौरान संघ प्रमुख ने कहा कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह की सराहना की जानी चाहिए. यह एक साहसिक कदम था.

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दिया बड़ा बयान, कहा- एक भी हिन्दू को...

उन्होंने कहा था कि बीते कुछ वर्षों में भारत की सोच की दिशा में एक परिवर्तन आया है, जिसे न चाहने वाले व्यक्ति दुनिया में भी है और भारत में भी, और  निहित स्वार्थों के लिये ये शक्तियां भारत को दृढ़ और शक्ति संपन्न नहीं होने देना चाहतीं. देश की सुरक्षा पर संघ प्रमुख ने कहा कि सौभाग्य से हमारे देश के सुरक्षा सामर्थ्य की स्थिति, हमारे सेना की तैयारी, हमारे शासन की सुरक्षा नीति व हमारे अंतरराष्ट्रीय राजनीति में कुशलता की स्थिति इस प्रकार की बनी है कि इस मामले में हम लोग सजग और आश्वस्त हैं.

संघ प्रमुख मोहन भागवत पहली बार विदेशी मीडिया से करेंगे बात

उन्होंने कहा था कि हमारी स्थल सीमा व जल सीमाओं पर सुरक्षा सतर्कता पहले से अच्छी है. केवल स्थल सीमापर रक्षक व चौकियों की संख्या व जल सीमापर (द्वीपों वाले टापुओं की) निगरानी अधिक बढ़ानी पड़ेगी. देश के अन्दर भी उग्रवादी हिंसा में कमी आयी है. उग्रवादियों के आत्मसमर्पण की संख्या भी बढ़ी है.

जमीयत प्रमुख की मोहन भागवत से हुई मुलाकात, हिन्दू-मुस्लिम एकता पर हुई बात

भागवत ने कहा था  कि समाज के विभिन्न वर्गों को आपस में सद्भावना, संवाद तथा सहयोग बढ़ाने के प्रयास में प्रयासरत होना चाहिए. समाज के सभी वर्गों का सद्भाव, समरसता व सहयोग व कानून संविधान की मर्यादा में ही अपने मतों की अभिव्यक्ति यह आज की स्थिति में नितांत आवश्यक बात है. दशहरे का पर्व संघ के लिए काफी मायने रखता है क्योंकि इसी दिन 1925 में संगठन की स्थापना हुई थी.इस वार्षिक समारोह में एचसीएल के संस्थापक शिव नादर मुख्य अतिथि थे. जबकि केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जनरल (सेवानिवृत्त) वी. के. सिंह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस भी इस सामारोह में मौजूद रहे.

जमीयत प्रमुख की मोहन भागवत से हुई मुलाकात, हिन्दू-मुस्लिम एकता पर हुई बात

बता दें कि इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने असम में एनआरसी से लोगों के बाहर होने को लेकर लोगों की चिंताओं को दूर करने के प्रयास के तहत कहा था कि एक भी हिंदू को देश छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा. माना जा रहा था कि भागवत ने यह टिप्पणी संघ और भाजपा समेत उससे जुड़े संगठनों की बंद दरवाजे के पीछे हुई समन्वय बैठक के दौरान की. समन्वय बैठक के बाद संघ के एक पदाधिकारी ने कहा था कि मोहन भागवतजी ने स्पष्ट कहा कि एक भी हिंदू को देश नहीं छोड़ना होगा.  उन्होंने कहा था कि दूसरे राष्ट्रों में प्रताड़ना और कष्ट सहने के बाद भारत आए हिंदू यहीं रहेंगे. असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की 31 अगस्त को जारी हुई अंतिम सूची में 19 लाख से ज्यादा आवेदकों के नाम नहीं हैं.

VIDEO: मोहन भागवत ने फिर उठाया आरक्षण मुद्दा.

जुट जाते हैं वे सभी भारतीय हिंदू हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने US के रक्षा सचिव से की मुलाकात, रक्षा सहयोग बढ़ाने पर बनी बात
अकाल तख्त प्रमुख ने RSS पर बैन लगाने की रखी मांग, कहा- यह तो देश को...
भारत आए मलेशिया प्रधानमंत्री का पीएम मोदी ने कुछ इस अंदाज में किया स्वागत, देखें तस्वीरें
Next Article
भारत आए मलेशिया प्रधानमंत्री का पीएम मोदी ने कुछ इस अंदाज में किया स्वागत, देखें तस्वीरें
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;