घाटी में बर्फबारी के कारण मंगलवार को लगातार दूसरे दिन भी जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग तथा मुगल रोड बंद रहा, जिससे कश्मीर का सड़क सम्पर्क देश के शेष हिस्सों से टूट गया है. राजमार्ग पर कई स्थानों पर करीब 4500 वाहन फंसे हैं. यातायात नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग विभिन्न स्थानों, खासकर जवाहर सुरंग के आसपास बर्फ के इकट्ठा होने के कारण बंद है.'' उन्होंने बताया कि बर्फ हटाने का काम जारी है और 260 किलोमीटर लंबे मार्ग पर फंसे वाहनों को निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है.
वहीं, शोपियां-रजौरी के रास्ते जम्मू और श्रीनगर को जोड़ने वाली मुगल रोड, क्षेत्र में भारी बर्फबारी के कारण कई दिनों से बंद है. अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में सबसे अधिक बर्फबारी हुई, जहां कुछ स्थानों पर तीन से चार फुट तक बर्फ इकट्ठा हो गई है. उन्होंने बताया कि अनंतनाग जिले में भी भारी बर्फबारी हुई.
श्रीनगर में पिछले तीन दिनों से मध्यम बर्फबारी हो रही है, लेकिन बर्फ हटाने के अभियान के जारी होने से वहां यातायात की आवाजाही सुचारू रूप से जारी है. प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि बर्फबारी से शहर और घाटी में अन्य स्थानों पर आवश्यक सेवाएं कम से कम प्रभावित हों. सड़कों पर फिसलन होने की वजह से कई स्थानों पर जाम भी लगा. अधिकारी ने बताया कि खराब दृश्यता के कारण श्रीनगर में लगातार दूसरे दिन विमान सेवाएं निलंबित रहीं.
अधिकारियों ने बताया कि बर्फबारी के कारण घाटी में न्यूनतम तापमान बढ़ा, लेकिन अब भी वह शून्य से नीचे ही रहा. उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 0.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे चार डिग्री सेल्सियस, पहलगाम में शून्य से नीचे 1.1 डिग्री सेल्सियस, काजीकुंड में शून्य से नीचे 0.2 डिग्री सेल्सियस, कुपवाड़ा जिले में शून्य से नीचे 0.7 डिग्री सेल्सियस, कोकरनाग में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 1.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
मौसम विज्ञान विभाग कार्यालय ने बताया कि अगले 24 घंटे में कुछ स्थानों, खासकर दक्षिण कश्मीर, गुलमर्ग, बनिहाल-रामबन, पुंछ, राजौरी, किश्तवाड़ और ज़ंस्कार, द्रास के अलावा केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख में ऊंचाई वाले इलाकों में मध्यम से भारी बर्फबारी का पूर्वानुमान है.
गौरतलब है कि कश्मीर में 40 दिन का ''चिल्ला कलां'' का दौर चल रहा है. इस दौरान क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ती है और सर्दी का आलम यह रहता है कि जल आपूर्ति वाली लाइनों तक में पानी जम जाता है. यह 21 दिसम्बर से शुरू हुआ है और 31 जनवरी को समाप्त होगा.
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