
एयरचीफ मार्शल अरूप राहा (फाइल फोटो)
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दोतरफा युद्ध होने पर भी वायुसेना विरोधियों को सजा देने में सक्षम
सन 1962 के युद्ध के दौर में हालात अलग थे
पठानकोट एयरबेस में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता बना दी गई
गौरतलब है कि आतंकी अजहर मसूद के मसले पर चीन ने यूएन में पाकिस्तान का साथ दिया है. चीन और पाकिस्तान की जुगलबंदी के बीच एक दोतरफा युद्ध के सवाल पर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि ''1962 में हालात अलग थे, आज हम अपने विरोधियों को माकूल सजा देने में सक्षम हैं. उस वक्त चीन के साथ हुई जंग में वायुसेना को सरकार ने हिस्सा लेने की इजाजत नहीं दी थी.''
वायुसेना दिवस से पहले होने वाली सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीओके में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पहली बार सेना के तीनों अंगों में से एक प्रमुख एयरचीफ मार्शल अरूप राहा मीडिया के समाने आए. उन्होंने पहले ही सर्जिकल हमले से जुड़े किसी सवाल के न पूछे जाने की बात कही लेकिन बाद में कहा कि यह मामला संवेदनशील है, लिहाजा वे नहीं बोलेंगे. राहा ने कहा कि मामला अभी गरम है.
पठानकोट में वायुसेना के एयरबेस पर हुए आतंकी हमले में राहा ने खामियां स्वीकार कीं और कहा कि ''यह हमला हमारे लिए एक झटका था. इससे सबक लेकर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता बना दी गई है. मसलन अब सेंसर, यूएवी और इन्फ्रा रेड जैसी कई अत्याधुनिक व्यवस्थाएं की गई हैं जिसे भेद पाना अब आतंकियों के लिए आसान नहीं होगा.''
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