शीला के बाद बेटे संदीप दीक्षित का कांग्रेस पर निशाना, बोले- पार्टी के पास सही मायनों में नेता नहीं

संदीप दीक्षित की फाइल तस्वीर

नई दिल्ली:

शीला दीक्षित के बाद आज उनके पुत्र संदीप दीक्षित ने जिस तरह से कांग्रेस चल रही है, उस पर जोरदार निशाना साधा और कहा कि इसकी 'संभ्रांतवादी' संस्कृति 'अहंकार' पैदा करती है और इसके पास सही मायनों में नेता नहीं हैं।

पूर्व सांसद और शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित ने धर्मनिरपेक्षता से जुड़े मुद्दे पर बीजेपी या आर्थिक मुद्दों पर आम आदमी पार्टी की नकल करने के प्रति भी आगाह किया। दीक्षित ने पार्टी में नए लागों को लाने की जोरदार वकालत करते हुए कहा, कांग्रेस में 50 फीसदी सीनियर और एनएसयूआई एवं युवा कांग्रेस में 70 फीसदी 'अवांछित' हैं।

उन्होंने कहा कि संस्कृति (कांग्रेस में) संभ्रांतवादी बन गई है और इससे अहंकार पनपता है। ऐसी स्थिति में हमारे कैडर असहज हैं। पार्टी पर दीक्षित का यह निशाना ऐसे समय किया गया है, जब कल उनकी मां शीला दीक्षित ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी की शर्मनाक पराजय के लिए कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार अजय माकन पर हमला बोला था, जिसे पार्टी के नेता पीसी चाको और अरविंदर सिंह लवली ने खारिज कर दिया था। इस पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हस्तक्षेप करते हुए नेताओं को सार्वजनिक स्तर पर बहस में नहीं उलझने को कहा।

संदीप दीक्षित ने अपनी आलोचना में किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन यह परोक्ष रूप से पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर कटाक्ष था, जब उन्होंने कहा कि पार्टी में चुनाव कराने से ही लोकतंत्र शुरू या खत्म नहीं होता। उन्होंने कहा कि नेताओं को नेतृत्व करने देने और लोकतंत्र के कार्यों की इजाजत देने के विचारों से लोकतंत्र शुरू होता है।

50-वर्षीय दीक्षित दो बार सांसद रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपने बेहतरीन नेताओं और विचारों, पार्टी मुद्दों की बजाय जनता के मुद्दों की पहचान करनी होगी। कांग्रेस में नए लोगों को लाना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। कांग्रेस में लगभग 50 फीसदी सीनियर और युवा कांग्रेस एवं एनएसयूआई में 70 फीसदी अवांछित हैं।

उन्होंने पिछले साल लोकसभा चुनावों के बाद हाल के दिल्ली चुनावों सहित लगातार पांचवी चुनावी पराजय का सामना करने वाली कांग्रेस के लिए कहा कि वापस यह पार्टी गिनती में तब लौट सकती है, जब महात्मा गांधी जैसे लोगों के मुद्दों के साथ इसकी पहचान बन सके। उन्होंने कहा, रेबैन का चश्मा पहन कर आप गरीबों के साथ पहचान नहीं बना सकते। कांग्रेस को पार्टी मुद्दों की बजाय जनता के मुद्दों और अपने बेहतरीन नेताओं और विचारों की पहचान करनी होगी। कांग्रेस में नए लोगों को लाना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस को नए लोगों को लाना होगा। ये लोग चुनाव के जरिये नहीं, बल्कि चयन के जरिये, नए विचारों एवं मुद्दों के जरिये आएंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि पार्टी को नकल की राजनीति नहीं करनी चा


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com