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This Article is From Nov 12, 2016

नोटबंदी के बाद काले धन को 'ठिकाने' लगाने के लिए क्या क्या पापड़ बेले जा रहे हैं...

नोटबंदी के बाद काले धन को 'ठिकाने' लगाने के लिए क्या क्या पापड़ बेले जा रहे हैं...
मुंबई: मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटंबद की घोषणा के बाद जनता पांच सौ और हज़ार के नोट बैंक में जमा करने के लिए उमड़ पड़ी है. वहीं जिनके पास वास्तव में काला धन है वे उसे ठिकाने लगाने के लिए तमाम 'विकल्पों' को भी खंगाल रहे हैं. रिटेलर और वेडिंग प्लानर्स बताते हैं कि उनके पास ऐसे कई फोन आ रहे हैं जो पुराने नोटों के बदले बड़ी खरीददारी करने का प्रस्ताव दे रहे हैं.

मुंबई की एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी में सीनियर मार्केटिंग अधिकारी बताते हैं कि उनकी फर्म कई बड़ी शादियों का काम देखती है और वह अभी तक यह तय नहीं कर पा रही है कि पुराने नोट स्वीकार करें या नहीं. नाम न बताए जाने की शर्त पर यह बताते हैं कि 'काफी तनाव भरा दिन रहा. शादी के क्लाइंट पागल हो गए हैं. एक क्लाइंट ने फोन करके कहा कि 'मैं तुम्हें तीन करोड़ रुपए दूंगा, हज़ार के नोट में.' काले धन की कमी नहीं है.'

गौरतलब है कि भारतीय शादियों में जिस तरह का खर्चा होता है उसमें एक अमीर घराने के लिए तीन करोड़ रुपए कोई बहुत बड़ी रकम नहीं है. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने दोस्तों, घरेलू स्टाफ और यहां तक की वरिष्ठ नागरिकों से भी छोटी मात्रा में ही सही कैश को एक्सचेंज करने का प्रस्ताव रख रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि टैक्स चोरी करने वालों के लिए अब सिर्फ बैंक में जाकर पैसा जमा करवा देने से ही बात नहीं बनेगी. जिस किसी ने भी 2.5 लाख से ज्यादा का कैश जमा करवाया, बैंक उसकी सूचना टैक्स अधिकारियों को देगी. ढाई लाख से ऊपर की अघोषित आय पर टैक्स का 200 प्रतिशत जुर्माना भरना होगा.

इधर सोशल मीडिया पर भी कैश एक्सचेंज करने के अलग अलग तरीके सामने आ रहे हैं. एक ट्वीट में बताया गया है कि किस तरह लोग अपने एजेंट से पुराने नोट पर महंगी फर्स्ट क्लास टिकट खरीद रहे हैं और बाद में नए नोट पाने के लिए उसे रद्द करवा रहे हैं ताकि टैक्स अधिकारियों से बचा जा सके. शुक्रवार तक भारतीय रेलवे उन चुनिंदा संस्थानों में से एक थी जो पुराने नोटों को स्वीकार कर रही थी.

भारतीय रेलवे के प्रवक्ता अनिल कुमार सक्सेना बताते हैं कि एसी और फर्स्ट क्लास के टिकट की बिक्री अचानक बढ़ गई है. आमतौर पर दिन में ऐसे दो हज़ार टिकट ही बिका करते थे लेकिन नोटबंद की घोषणा के बाद इसकी बिक्री 27 हज़ार प्रतिदिन पहुंच गई है. हालांकि अधिकारियों ने इसका तोड़ भी निकाल लिया है. रेलवे ने तय किया है कि नवंबर 9,10,11 को दस हज़ार से ऊपर की जो टिकट बुक करवाई गई हैं उन्हें रद्द करवाने पर कैश में रिफंड नहीं किया जाएगा. ये चेक या इलेक्ट्रोनिक पद्धति से वापस किया जाएगा.

मुंबई के एक सुनार ने कहा कि उसने नकदी लेना बंद कर दिया है क्योंकि उसे शक है कि दुकान के बाहर कोई राजस्व अधिकारी चक्कर लगा रहा है. बुधवार को सुनारों की दुकानें देर रात खुली रही और मुंबई के एक सूत्र ने बताया कि करीबन 250 किलो यानि 75 करोड़ रुपए का सोना बैन लगने के कुछ ही घंटे में बिक गया.

पैसे को वैध अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाना आसान काम नहीं है. मुंबई की एक वरिष्ठ नागरिक बताती हैं कि उनके पास करीब पांच लाख रुपए अघोषित रखे हुए थे जिसको ठिकाने लगाने के लिए उन्होंने अपने घर में काम करने वाले चार कर्मचारियों के बैंक अकाउंट खुलवाए.  वहीं एक निवेशक फर्म के पार्टनर का कहना है कि 'छोटे अमाउंट के नकद को बदलने के लिए कई तरीके हैं. लेकिन जब रकम चालीस करोड़ जितनी हो तो क्या किया जाए. मुझे तो कोई तरीका नहीं सूझ रहा है. पीएम मोदी वाकई में ब्लैक मनी को लेकर सीरियस है.'

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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