केरल की राज्यपाल शीला दीक्षित ने बुधवार को इनकार किया कि उन्हें राज्यपाल पद छोड़ने के लिए केंद्र से कोई इशारा किया गया है और कहा कि उन्हें तिरूवनंतपुरम राजभवन से अपने तबादले के किसी कदम की कोई जानकारी नहीं है।
शीला से जब पूछा गया कि मोदी सरकार के पिछले माह सत्ता में आने के बाद क्या केंद्र सरकार के किसी शख्स ने उनसे इस्तीफा देने को कहा है तो उन्होंने जवाब दिया, 'नहीं।'
दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी शीला ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की।
उन्होंने इन मुलाकातों को 'शिष्टाचार भेंट' और 'अच्छी मुलाकात' बताया।
शीला से जब पूछा गया कि क्या वह केरल से पूर्वोत्तर के किसी राज्य में तबादला किए जाने के किसी कदम से वाकिफ हैं तो उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि भविष्य में क्या होगा।
सिंह से मुलाकात के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'मुझे नहीं मालूम कि अगले 10 दिन या 10 महीने में क्या होने जा रहा है।' केन्द्र में सत्ता परिवर्तन और नई सरकार के दबाव के बाद पांच राज्यपाल पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें बीएल जोशी (उत्तर प्रदेश), एमके नारायणन (पश्चिम बंगाल), शेखर दत्त (छत्तीसगढ़), अश्विनी कुमार (नगालैंड) और बीवी वांचू (गोवा) शामिल हैं।
दो राज्यपालों - एचआर भारद्वाज (कर्नाटक) और देवानंद कुंवर (त्रिपुरा) ने पिछले माह अपना कार्यकाल पूरा किया।
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