अहमदाबाद:
संसद के भीतर और बाहर यूपीएससी परीक्षा में बदलाव के फैसले पर भारी विरोध को देखते हुए सरकार ने फैसले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है यानी अब छात्र क्षेत्रीय भाषाओं में भी परीक्षा दे सकेंगे।
गौरतलब है कि यूपीएससी के नोटिफिकेशन पर सांसदों के विचारों को सरकार ने गंभीरता से लिया है। सरकार यूपीएससी की एक बैठक बुलाकर इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश करेगी। सदस्यों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए फिलहाल फैसले को रोक दिया गया है।
इससे पहले परीक्षा स्वरूप में बदलावों को गुजरातियों के खिलाफ 'भाषाई भेदभाव' बताते हुए मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने मांग की थी कि इस मामले में प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह स्वयं हस्तक्षेप करें और बदलावों को निरस्त किया जाए।
प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में नरेंद्र मोदी ने परीक्षा से क्षेत्रीय भाषाओं को हटाने के फैसले का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि यह फैसला गुजरात के हजारों उम्मीदवारों के सपनों को चकनाचूर कर देगा।
गौरतलब है कि यूपीएससी के नोटिफिकेशन पर सांसदों के विचारों को सरकार ने गंभीरता से लिया है। सरकार यूपीएससी की एक बैठक बुलाकर इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश करेगी। सदस्यों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए फिलहाल फैसले को रोक दिया गया है।
इससे पहले परीक्षा स्वरूप में बदलावों को गुजरातियों के खिलाफ 'भाषाई भेदभाव' बताते हुए मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने मांग की थी कि इस मामले में प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह स्वयं हस्तक्षेप करें और बदलावों को निरस्त किया जाए।
प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में नरेंद्र मोदी ने परीक्षा से क्षेत्रीय भाषाओं को हटाने के फैसले का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि यह फैसला गुजरात के हजारों उम्मीदवारों के सपनों को चकनाचूर कर देगा।
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