यह ख़बर 27 अक्टूबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

'यात्रा भारत के लिए, मेरे या भाजपा या चुनाव के लिए नहीं'

खास बातें

  • भाजपा नेता आडवाणी ने इन आलोचनाओं को सिरे से खारिज कर दिया कि इस यात्रा के जरिए वह एक बार फिर खुद को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
नई दिल्ली:

भ्रष्टाचार के खिलाफ 38 दिन की जन चेतना यात्रा के दूसरे चरण में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने इन आलोचनाओं को सिरे से खारिज कर दिया कि इस यात्रा के जरिए वह एक बार फिर खुद को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। आडवाणी ने कहा, स्पष्ट रूप से, मुझे यह समझ में नहीं आ रहा है कि मैं क्यों आपने आप को फिर से आगे बढ़ाने का प्रयास करूंगा। मैं अपने अधिकार के तहत इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि इस यात्रा का एल के आडवाणी से कोई लेना देना नहीं है। इसका भाजपा या अगले चुनाव से भी कोई लेना देना नहीं है। इसका संबंध मुख्य रूप से भारत से है। दीपावली के अवसर पर आडवाणी ने यात्रा में दो दिन का विराम रखा। उन्होंने अपने ताजा ब्लॉग में लिखा कि इस यात्रा का मकसद संप्रग सरकार की असफलता के कारण भारत के गौरव से जनता के उठ चुके विश्वास को पुन: बहाल करना है। आडवाणी ने कहा, मेरी यात्रा का मकसद लोगों में फिर से विश्वास बहाल करना है जो संप्रग सरकार की विफलता के कारण देश के समक्ष उत्पन्न हुई है। संप्रग सरकार की विफलता के बावजूद हम लोगों को भारत को 21वीं शताब्दी में आगे बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए। हाल के घोटालों के लिए कांग्रेस नीत गठबंधन सरकार को दोषी ठहराते हुए भाजपा नेता ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में भारत ने उत्कृष्ठ लोकतांत्रित देश और 21वीं सदी की महत्वपूर्ण आर्थिक ताकत के रूप में ख्याति अर्जित की। यात्रा को भारत केंद्रित बताते हुए उन्होंने कहा कि इस ख्याति को संप्रग सरकार के भ्रष्टाचार के कारण नुकसान पहुंचा है। आडवाणी ने कहा, पिछले कुछ समय में विभिन्न घोटालों और उसमें कई केंद्रीय मंत्रियों के शामिल होने के कारण लोगों में विश्वास की भावना और साहस को गंभीर नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा, कई केंद्रीय मंत्रियों को हटाना पड़ा और कुछ को जेल जाना पड़ा। नोट के बदले वोट मामले में रिश्वत देने वालों की बजाए इस घोटाले को उजागर करने वालों को जेल भेजा गया।


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